सीकर

गंदगी से होकर स्कूल जाने को मजबूर बच्चे

प्रशासन को नहीं विद्यार्थियों की परेशानी का ध्यानस्कूल के प्रवेशद्वार पर गंदगी का आलम

सीकरAug 22, 2019 / 06:38 pm

Vinod Chauhan

गंदगी से होकर स्कूल जाने को मजबूर बच्चे

बावड़ी. एनएच.52 पर स्थित राउमावि व हॉकी साई सेन्टर बावड़ी के प्रवेशद्वार के सामने एनएचआई का गंदे नाला व अण्डर पास में गन्दगी का होने से बच्चे परेशान हैं। ग्रामीण जगदीश प्रसाद भावरिया ने बताया कि प्रवेशद्वार के सामने नाला व नजदीक अंडरपास है, जिसमें बारिश के समय हाईवे की सर्विस रोड व गांव का पानी नाला व अण्डर पास में जमा हो गया है। प्रधानाचार्य केसर राम बिजारिणयां व एसएमसी व एसडीएमसी सदस्य मूलचन्द सोनी ने बताया कि सर्विस रोड व गंदा नाले का पानी आने से विद्यालय परिसर भर जाता है जिससे स्कूल के दोनों गेट से बच्चों का आना जाना बंद हो जाता है। इतना ही नहीं कई बार बच्चों की छुट्टी भी करनी पड़ती है। साथ ही कम्प्यूटर लेब, कक्षा कक्ष में बैठने वाले विद्यार्थियों को दुर्गन्ध का सामना करना पड़ रहा हैं। तथा विद्यालय की चार दीवारी का डंडा भी गिर सकता है। गंदे पानी के कारण बीमारी फैसलने की आशंका है।

अखिल भारतीय किसान सभा सचिव मालीराम सौगण ने बताया कि कि एनएचआई के अधिकारियों को कई बार अवगत करवाने के बाद भी अण्डर पास नाला, गंदा नाला की सफाई नहीं करवाई की गई। ग्रामीणों ने बताया कि एनएचएआई के अधिकारी सफाई की बात पंचायत पर डाल देते हैं। इधर पंचायत एनएचआई का मामला बताते है।
सरपंच पुष्पा देवी ने बताया कि एनएचएआई से हाईवे के नीचे से पाइप लाइन डालने के लिए एनओसी देती है तो गांव का गंदा पानी का निकास खाल्डा जोहड़ा में किया जा सकता है। धन्नाराम भावरिया ने बताया कि नाले व अण्डर पास में भंयकर गंन्दगी व कच्चरा होने से एवं गांव में कच्चरा डालने की स्थाई जगह नहीं होने से गांव के लोग व दुकानदार भी स्कूल गेट के सामने कच्चरा डाल देते है जिससे ओर ज्यादा गंदगी हो गई। जिससे मच्छर, मखीयों का प्रकोप बढ़ गया हैं। जिससे बीमारी फैलने की आशंका बनी हुई हैं।
नाम का है अंडरपास, कचरा-गंदा पानी भरा
ग्रामीणों ने बताया कि हाईवे के दोनों तरफ किसानों की जमीन व श्मशान भूमि, स्कूल, आबादी भूमि है। ऐसे में किसान, ग्रामीणों व स्कूली बच्चों के लिए आने जाने के लिए अंडरपास बनाया गया था, लेकिन एनएचएआई ने फोरमल्टी कर गुफा रूपी नाला व सीढिय़ा बना दी। जब कि हाईवे निर्माण के दौरान ग्रामीणों ने धरना प्रदर्शन कर प्रशासन व एनएचएआई से बार बार बड़ा अंडरपास बनाने के लिए मांग पत्र दिया गया था। जब से अंडरपास बनाया तभी से बारिश का पानी भरकर कीचड़ व गंदगी में तब्दील होकर कई वर्ष से बंद पड़ा है। किसानों, स्कूली बच्चों, राहगीरों को हाईवे पार कर जाना पड़ता है। हाईवे पार करते समय कई बार दुर्घटनाएं भी हो चुकी है। आज भी ग्रामीणों की मांग है कि बड़े अंडरपास बनाने की अति आवश्यक है।

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