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आज सीकर आएंगे सीएम गहलोत, जगी अधूरी मांगे पूरी होने की उम्मीद

locationसीकरPublished: Jun 25, 2022 09:21:24 am

Submitted by:

Sachin

सीकर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शनिवार नेछवा के कोठ्यारी गांव में आएंगे। सीएम शनिवार सुबह दस बजे हेलिकॉप्टर से जयपुर से रवाना होकर 11 बजे कोठ्यारी स्कूल पहुंचेंगे।

आज सीकर आएंगे सीएम गहलोत, जगी अधूरी मांगे पूरी होने की उम्मीद

आज सीकर आएंगे सीएम गहलोत, जगी अधूरी मांगे पूरी होने की उम्मीद

सीकर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शनिवार नेछवा के कोठ्यारी गांव में आएंगे। सीएम शनिवार सुबह दस बजे हेलिकॉप्टर से जयपुर से रवाना होकर 11 बजे कोठ्यारी स्कूल पहुंचेंगे। जहां पूर्व विधायक सांवरमल मोर की मूर्ति का अनावरण व श्रद्धा शिक्षा भवन बालिका महाविद्यालय का लोकार्पण करेंगे। बाद में सालासर बालाजी के दर्शनों के लिए रवाना होंगे। मुख्यमंत्री के सीकर आगमन से जिले की अधूरी व अटकी मांगे फिर पूरी होने की उम्मीद जगी है। वहीं, फतेहपुर व लक्ष्मणगढ़ को तो पहले से तोहफा भ्ीा मिल गया है।

मुख्यमंत्री के आने से पहले लक्ष्मणगढ़ व फतेहपुर को तोहफा
मुख्यमंत्री के सीकर जिले के दौरे से पहले लक्ष्मणगढ़ व फतहपुर इलाके के लोगों को बड़ा तोहफा मिला है। कांग्रेस सरकार ने लक्ष्मणगढ़ व फतेहपुर में प्रस्तावित उप जिला अस्तपलों के लिए 82 करोड़ की वित्तिय स्वीकृति जारी की है। लक्ष्मणगढ़ विधायक व पीसीसी चीफ लंबे समय से इलाके में बेहतर चिकित्सा सुविधआों के लिए प्रयासरत थे। अब दौरे से पहले मुख्यमंत्री ने लक्ष्मणगढ़ व फतेहपुर के उप जिला अस्पतालों के लिए बजट भी जारी करवा दिया है। इससे उप जिला अस्तपालों के लिए वित्त वर्ष 2022-23 में लगभग 16 करोड़ रुपए खर्च होंगे। जबकि अगले वित्तिय वर्ष में 64 करोड़ से अधिक राशि खर्च होनी है।

सीएम साहब! सीकर में लापरवाही में अटकी मांगें

1. नवलगढ़ पुलिया फोरलेन: बजट में नवलगढ़ पुलिया को फोरलेन करने की घोषणा हो चुकी है। लेकिन अभी तक काम शुरू नहीं हुआ है। डीपीआर के बाद जमीन अधिग्रहण में पेंच की वजह से काम शुरू नहीं हो सका है। पुलिया के पास दिनभर जाम लगा रहता है।

2. हाट बाजार: पिछले दस सालों से हाट बाजार का प्रोजेक्ट अधूरा है। इसकी लागत लगातार बढ़ रही है। हाट बाजार का काम पूरा होने से इलाके के लद्यु उद्यमियों को फायदा मिल सकता है। गहलोत सरकार के पिछले कार्यकाल में यह प्रोजेक्ट शुरू हुआ था। लेकिन काम अब तक पूरा नहीं हो सका है।

3. मिनी सचिवालय की डीपीआर: मिनी सचिवालय का तोहफा भी सीकर की जनता को मिल चुका है। लेकिन डीपीआर अभी तक नहीं बनी है। मिनी सचिवालय से जाम का स्थायी समाधान हो सकेगा।

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