भाजपा राज में सीएम ने कलक्टर को कर लिया था तलब
पिछली भाजपा सरकार के समय कलक्टर-एसपी कॉन्फ्रेन्स में तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कलक्टर एलएन सोनी को इस मामले में तलब कर लिया था। इस दौरान अधिकारियों ने प्रोजेक्ट बनाकर भी सरकार को दे दिया था। लेकिन आचार संहिता की वजह से मामला उलझ गया था।
राहत का एक्शन प्लान: आठ किलोमीटर अंडरग्राउण्ड लाइन से होगी पानी निकासी
नवलगढ़ रोड इलाके में पहले से सम्पवैल बना हुआ है। लेकिन इसकी क्षमता कम होने के कारण हल्की बारिश में पानी दुकानों व घरों में भर जाता है। हर बार लोगों की परेशानी बढऩे पर रेलवे की चारदीवारी तोड़कर राहत देनी पड़ती है। दो साल पहले तो पांच दिन तक नवलगढ़ बस स्टैंड पूरी तरह बंद रहा। अब नई योजना के तहत सम्पवैल की क्षमता बढ़ाने के साथ आठ किलोमीटर तक अंडरग्राउण्ड लाइन बिछाई जाएगी। इसके जरिए बरसाती पानी को जगमालपुरा पहुंचाया जाएगा।
जगमालपुरा इलाके के किसान कर सकेंगे सिंचाई
जगालपुरा इलाके के किसानों को भी इस योजना से काफी फायदा मिलेगा। एक्सपर्ट का अनुमान है कि किसान बारिश से पानी से लगभग पांच से छह महीने तक आसानी से सिंचाई कर सकेंगे। इससे किसानों बिजली बिल सहित अन्य से राहत मिलेगी।
अब जल्द होगा समाधान: डोटासरा
नवलगढ़ रोड इलाके में जलभराव की समस्या सच में बेहद गंभीर है। इसको लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात की थी। प्रोजेक्ट को जल्द स्वीकृति मिलने की उम्मीद है। इससे नवलगढ़ रोड व पिपराली रोड इलाके के लोगों को सीधे तौर पर फायदा मिलेगा। सीकर विधायक भी इस मामले में काफी प्रयासरत है। 13 करोड़ की लागत से डे्रनेज का यह प्रोजक्ट बना है।
गोविन्द सिंह डोटासरा, शिक्षा राज्य मंत्री
जल्द मिलेगी प्रोजेक्ट को मंजूरी
नवलगढ़ रोड इलाके की समस्या से इलाके के लोगों को जल्द राहत मिलेगी। इसके लिए प्रोजेक्ट बनकर तैयार है। जल्द इस मामले में मुख्यमंत्री से फिर मुलाकात करेंगे
राजेन्द्र पारीक, सीकर विधायक
15 साल में 40 आंदोलन कर चुके है: काजला
पिछले 15 साल में 40 से अधिक आंदोलन पानी निकासी के प्रोजेक्ट की मंजूरी के लिए कर चुके है। पिछले दिनों कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा व सीकर विधायक राजेन्द्र पारीक ने प्रोजेक्ट को मंजूरी दिलाने का आश्वासन दिया था। उम्मीद है कि इस बार प्रोजेक्ट धरातल पर आएगा।
महेन्द्र काजला, संयोजक, आंदोलन समिति
फिलहाल: व्यापारियों ने दुकानों के बाहर कर ली चारदीवारी
इलाके के मेडिकल कारोबारी उमेश शर्मा का कहना है कि लाखों रुपए का नुकसान हो चुका। ऐसे में अब सभी व्यापारियों ने अपनी-अपनी दुकानों के गेट के सामने सुरक्षा दीवार बना ली, ताकि पानी नहीं घुसे। इसके बाद भी इस साल भी लाखों रुपए की दवाएं बह गई।