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एफडी व लोन खातों से सहकारी समिति व्यवस्थापक ने किया 1 करोड़ 30 लाख का गबन, आलीशान मकान से गिरफ्तार

locationसीकरPublished: Jul 15, 2020 12:40:13 pm

Submitted by:

Sachin

राजस्थान के सीकर जिले के रींगस के नजदीकी सरगोठ ग्राम सेवा सहकारी समिति के पूर्व व्यवस्थापक व एक करोड़ तीस लाख रुपए गबन के मुख्य आरोपी जगदीश कुमावत पुत्र घीसाराम कुमावत को पुलिस ने मंगलवार को जयपुर से गिरफ्तार कर लिया।

एफडी व लोन खातों से सहकारी समिति व्यवस्थापक ने किया 1 करोड़ 30 लाख का गबन, आलीशान मकान से गिरफ्तार

एफडी व लोन खातों से सहकारी समिति व्यवस्थापक ने किया 1 करोड़ 30 लाख का गबन, आलीशान मकान से गिरफ्तार

सीकर/रींगस. राजस्थान के सीकर जिले के रींगस के नजदीकी सरगोठ ग्राम सेवा सहकारी समिति के पूर्व व्यवस्थापक व एक करोड़ तीस लाख रुपए गबन के मुख्य आरोपी जगदीश कुमावत पुत्र घीसाराम कुमावत को पुलिस ने मंगलवार को जयपुर से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी जयपुर में बने आलीशान दो मंजिला भवन में ऐशो आराम की जिंदगी बिता रहा था। मोबाइल की लोकेशन के आधार पर वह गिरफ्तार कर लिया गया। थानाधिकारी हिम्मत सिंह ने बताया कि आरोपी ने सरगोठ ग्राम सेवा सहकारी समिति में व्यवस्थापक रहते हुए 1.30 करोड़ का गबन किया था। आरोपी के खिलाफ 3 अक्टूबर 2018 से 21 अगस्त 2019 के बीच धोखाधड़ी के अलग-अलग 7 मुकदमे दर्ज हुए थे। आरोपी 2019 से ही फरार था।

टॉप टेन क्रिमिनल में शुमार
थानाधिकारी हिम्मत सिंह ने बताया कि आरोपी सीकर जिले के टॉप दस अपराधियों की सूची में शामिल है। आरोपी को पकडऩे के लिए नीमकाथाना एएसपी रतनलाल भार्गव व रींगस डीवाईएसपी बनवारी लाल धायल द्वारा टीम का गठन किया गया था। इस टीम में थानाधिकारी हिम्मत सिंह, हैड कांस्टेबल राजेन्द्र सिंह, रंगलाल, कांस्टेबल मनोज, मुकेश कुमार, अंकुश कुमार शामिल थे। जिन्होंने आरोपी की तलाश के लिए उसकी कॉल डिटेल और मोबाइल लोकेशन के आधार पर उसकी तलाश शुरू की। इसी बीच उसकी लोकेशन जयपुर मिली, जहां जाकर पुलिस ने उसकी घेरे बंदी कर ली और आरोपी को गिरफ्तार कर सीकर ले आया गया।

एफडीआर व लोन खातों में किया गबन
आरोपी व्यवस्थापक लोगों के एफडी व लोन के खातों में गडबड़ी करके उनके 1.30 करोड़ रुपए डकार गया। लोगों को मामले का पता तब चला जब एफडी की अवधि पूरी होने पर पैसे लेने के लिए सहकारी समिति आए। आरोपी पहले तो उनके बार बार आगे की तारीख देकर पैसे देने से टरकाता रहा। लेकिन जब बैंक से एफडी की जानकारी तब पता चला की आरोपी ने बैंक में उनके एफडी के पैसे जमा ही नहीं करवाए। जिस पर लोगों ने उसके खिलाफ धाखाधड़ी के मामले दर्ज करवाए।

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