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16 हजार मजदूरों की उम्मीदों पर आचार संहिता ने फेरा पानी

locationसीकरPublished: Oct 13, 2018 03:35:16 pm

Submitted by:

Vinod Chauhan

सीकर. चुनावी साल में श्रम विभाग ने श्रमिकों को लुभाने के लिए शुभ शक्ति योजना में विशेष अभियान चलाया।

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16 हजार मजदूरों की उम्मीदों पर आचार संहिता ने फेरा पानी

सीकर. चुनावी साल में श्रम विभाग ने श्रमिकों को लुभाने के लिए शुभ शक्ति योजना में विशेष अभियान चलाया। लेकिन आचार संहिता लगते ही यह अभियान श्रमिकों के लिए मजाक साबित हो रहा है। प्रदेश में सबसे ज्यादा 16 हजार आवेदन सीकर में ही जमा हुए। यदि सरकार अब इनको सहायता दें तो लगभग 60 करोड़ का बजट चाहिए। लेकिन श्रमिकों की उम्मीद टूटती नजर आ रही है, क्योकि पहले आवेदन के लिए प्रोत्साहित करने वाले जनप्रतिनिधि अब चुप्पी साधे हुए है। विभाग के नए आदेशानुसार ग्रामीण क्षेत्र के श्रमिकों को योजनाओं का लाभ पंचायत समिति विकास अधिकारी तथा शहरी स्तर पर श्रम विभाग योजनाओं का निस्तारण करेगा।
योजनाओं की स्थिति
शुभ शक्ति योजना के तहत कुल 51 हजार 924 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनमें से 30 हजार 906 आवेदन स्वीकृत हुए हैं। जबकि 6 हजार 761 आवेदन निरस्त हुए है। शेष आवेदन श्रमिक व विभाग के स्तर पर लंबित चल रहे हैं। इसी प्रकार अगर निर्माण श्रमिक शिक्षा एवं कौशल विकास योजना के आंकड़ों की बात की जाए तो जिले में कुल 51549 आवेदन प्राप्त हुए। इनमें केवल 12 हजार 408 आवेदन ही स्वीकृत हुए है।
वोट बैंक की सियासत ने बढ़ाया पंजीयन का ग्राफ
जिले में श्रम विभाग की ओर से अब तक कुल 2 लाख 59 हजार 723 निर्माण श्रमिक पंजीकृत है। इनमें 2 लाख 50 हजार से अधिक मनरेगा श्रमिक हैं। इनमें से कई लोगों ने फर्जी रूप से पंजीयन कर श्रमिक के रूप में अपना रजिस्ट्रेशन करा रखा है। विभाग का कहना है कि श्रमिकों के भौतिक सत्यापन के नियमों में सरकार का लचीलापन सबसे ज्यादा जिम्मेदार है। लोगों ने शुभ शक्ति जैसी कई योजनाओं का लाभ लेने के लिए आसानी से श्रमिक कार्ड बना लिए है। जबकी निर्माण श्रमिक का भौतिक सत्यापन उस इलाके के पटवारी, ग्राम सेवक व बीडीईओ स्तर पर होना चाहिए। लेकिन सरकार ने पहले राजपत्रित अधिकारियों से सत्यापन कराया गया।
फैक्ट फाइल
अब तक ऑनलाइन आवेदन:
109855
स्वीकृत आवेदन:
45420
निरस्त आवेदन:
28099

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