मजबूरी ऐसी कि जान पर बन आती है
सीकरPublished: Sep 17, 2019 05:06:33 pm
कांवट रेलवे स्टेशन पर ओवरब्रिज का अभाव बना परेशानी का सबब, लोग जान जोखिम में डाल पटरी करते पारसप्ताहभर खड़ी रहती हैं मालगाडिय़ां, ट्रेन के डिब्बों के बीच में से निकलते हैं राहगीर
मजबूरी ऐसी कि जान पर बन आती है
कांवट. इसे चाहे रेलवे विभाग की अनदेखी कहें या यात्रियों की मनमानी। वजह जो भी हो, मगर आए दिन हो रहे हादसों से भी कोई सबक नही ले रहा है। कांवट रेलवे स्टेशन पर ओवरब्रिज नही होने से यात्री बेरोक-टोक पटरियां पार कर रहे हैं। ग्रामीण कई बार रेलवे विभाग के उच्च अधिकारियों सहित सांसद सुमेधानंद सरस्वती से मिलकर ओवरब्रिज बनाने की मांग उठा चुके हैं। दरअसल कांवट रेलवे स्टेशन से कांवट, खंडेला, थोई, अजीतगढ़ सहित दर्जनों गांवो के सैकड़ों ग्रामीण यात्रा करते हैं।
वहीं इस फुलेरा-रेवाड़ी मार्ग पर सवारी सहित मालगाडिय़ों की आवाजाही लगी रहती है। रेलवे स्टेशन के पूर्व दिशा में बसे कांवट कस्बे में जाने के लिए लोगों को ओवरब्रिज के अभाव में पटरियां पार करनी पड़ती है। वहीं रेलवे विभाग की लापरवाही के चलते ट्रेक पर आये दिन मालगाड़ी खड़ी रहती है। कई बार तो सप्ताहभर तक मालगाडिय़ा ट्रेक पर खड़ी रहती है। ऐसे में प्रतिदिन सैकड़ो यात्रियों को मजबूरन ट्रेक पर खड़ी ट्रेनों के नीचे से गुजरना पड़ता है। रेलवे ट्रेक को पार करने पर कई बार हादसे भी हो चुके हैं। ऐसी स्थिति में पटरियां पार करते समय दुर्घटना का भय भी बना रहता है। यात्रियों का कहना है कि रेलवे विभाग को इन मालगाडिय़ों को ओवरब्रिज वाले स्टेशनों पर या कम यात्री भार वाले स्टेशनों पर खड़ा करना चाहिए। जिससे यात्रियों को आवागमन में परेशानी नही हो। ग्रामीणों ने जल्द से जल्द यहां पर ओवरब्रिज बनाने की मांग की है।
शिक्षक सम्मेलन २० से
सीकर. राजस्थान समायोजित शिक्षाकर्मी संघ का दो दिवसीय जिला सम्मेलन बद्रीदास बिदावतका स्कूल में २० सितम्बर से शुरू होगा। सम्मेलन के दूसरे दिन सेवानिवृत शिक्षाकर्मियों को सम्मानित किया जाएगा। सम्मेलन में शिक्षाकर्मियों की समस्याएं, शिक्षा में गुणवत्ता व सुधार सहित कई विषयों पर चर्चा कर प्रस्ताव पारित किए जाएंगे। जिलाध्यक्ष फतेहकरण ने बताया कि इस दौरान नई कार्यकारिणी के चुनाव भी करवाए जाएंगे।