शुरू से ही विवादों में रहे हैं चुनाव
डेयरी संचालन मंडल चुनाव शुरू से ही विवादों में रहे हैं। पिछले साल अप्रैल माह में शुरू हुई निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान समितियों को चुनाव प्रक्रिया से बाहर कर देने के बाद भी बाहर हुई समितियों के समर्थकों की ओर से हंगामा किया गया था। इस दौरान कोरोना के बढ़ते संक्रमण को लेकर निर्वाचन अधिकारी ने एक बार चुनाव निरस्त कर दिए थे। बाद में समितियों को चुनाव प्रक्रिया से बाहर कर देने से नाराज समितियों के लोग उच्च न्यायालय की शरण में चले गए थे और न्यायालय से स्थगन आदेश मिलने से चुनाव प्रक्रिया रुक गई थी। बाद में अगस्त में एक बार फिर से चुनाव प्रक्रिया शुरू हुई, लेकिन फिर से स्थगन आदेश मिलने पर चुनाव प्रक्रिया फिर रुक गई थी। अब उच्च न्यायालय के आदेश के बाद अप्रैल में जहां चुनाव प्रक्रिया रुकी थी। वहीं से चुनाव प्रक्रिया को शुरू करने के आदेश मिले थे। इसके बाद फिर से चुनाव प्रक्रिया को शुरू किया गया है।
अब वार्डों की स्थिति
निर्वाचन अधिकारी की ओर से उम्मीदवारों के नामांकन पत्रों की जांच के बाद 19 नामांकन पत्रों को खारिज कर दिया गया है। ऐसे में अब वार्ड एक में तीन, वार्ड दो व पांच में दो-दो, वार्ड तीन, छह, आठ, नौ व 10 में एक-एक उम्मीदवार बचे हैं। इसके अलावा वार्ड चार, सात, 11 व 12 के सभी उम्मीदवारों के फार्म खारिज हो गए। ऐसे में यह वार्ड खाली ही रह गए। ऐसे में संचालन मंडल में इस बार अध्यक्ष सहित 8 सदस्य ही रहेंगे। निर्वाचन अधिकारी की ओर से नामांकन पत्रों की जांच के बाद तीन वार्ड ऐसे बचे हैं, जिनमें दो से ज्यादा उम्मीदवार है। ऐसे में शनिवार को फार्म वापसी के समय के बाद इन वार्डों में उम्मीदवारों की संख्या के बाद पता चलेगा कि संचालन मंडल सदस्यों के लिए चुनाव होंगे या नहीं। अगर इन वार्डों में उम्मीदवार नाम वापसी लेते हैं और एक-एक उम्मीदवार ही बचता है तो निर्विरोध चुनाव हो जायेगा या फिर दो से अधिक उम्मीदवार रहते हैं तब चुनाव होगा। ऐसा होता है तो सात जून को संचालन मंडल सदस्यों के लिए चुनाव होगा। संचालन मंडल सदस्यों के लिए नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब उम्मीदवारों के पास नाम वापसी का समय रहा है, लेकिन इससे पहले ही काफी हद तक अध्यक्ष पद को लेकर कयास लगाए जाने शुरू हो गए हैं। जिस प्रकार से वार्डों में उम्मीदवारों के नामांकन पत्र खारिज हुए हैं। उसे देख कर लोग कयास लगाने लगे हैं कि इस बार कंवरपुरा समिति के जीताराम मील अध्यक्ष पद के लिए सबसे बड़ा चेहरा बन कर सामने आ रहा हैं। इसके अलावा परमेश्वर शर्मा भी लोगों की चर्चाओं के बीच अध्यक्ष पद का उम्मीदवार बताया जा रहा है। बरहाल लोग कयास लगा रहे हैं। अंतिम मुहर चुनाव प्रक्रिया संपन्न होने के बाद ही लगेगी और इसके बाद ही अध्यक्ष का पता चलेगा।
वे नियम जो पड़े भारी
निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि फार्म खारिश होने के पीछे सबसे बड़े कारण समितियों की ओर से संघ को दिए जाने वाले दूध और समितियों की ओर से डेयरी के नियमों की पालना नहीं करने जैसे कारण बने। इन्हीं नियमों का हवाला देकर निर्वाचन अधिकारी की ओर से नामांकन फार्म खारिज किए गए हैं।
नियम जो गले नहीं उतर रहे
नामांकन फार्म खारिज होने के बाद बड़ी संख्या में उम्मीदवार और उनके समर्थक डेयरी के बाहर जमा हो गए और उन्होंने निर्वाचन अधिकारी से नामांकन फार्म खारिज होने के कारण जानना चाहा। लेकिन इससे पहले ही निर्वाचन अधिकारी डेयरी से जा चुके थे। इस दौरान लोग निर्वाचन अधिकारी को मौके पर बुलाने की मांग करते रहे और नामांकन फार्म खारिश होने के कारणों को लेकर जानकारी चाही। लेकिन निर्वाचन अधिकारी के नहीं आने से लोगों ने नारेबाजी कर विरोध शुरू कर दिया।
इसलिए हुआ विवाद
संचालक मंडल चुनाव को लेकर शुक्रवार को संचालन मंडल सदस्यों के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू हुई। इस दौरान 12 वार्डों के लिए 31 उम्मीदवारों ने नामांकन किया। चुनाव अधिकारी पीथदान चारण ने नामांकन फार्मो की जांच करने के बाद केवल 12 उम्मीदवारों के नामांकन फार्मों को ही वैध माना और बाकी को खारिज कर दिया। जिससे चुनाव को लेकर सारे समीकरण बदल गए। ऐसे में चुनाव को लेकर काफी उम्मीदें लगाए बैठे चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की उम्मीदें पल भर में धूलमिल हो गई। इस दौरान कांग्रेस नेता सुभाष मील के समर्थक सभी उम्मीदवारों के आवेदन फार्म भी खारिज हो गए। जिससे नाराज सुभाष मील समर्थकों ने शाम को डेयरी के बाहर हंगामा कर दिया और निर्वाचन अधिकारी के खिलाफ नारेबाजी कर विरोध जताने लगे। इस दौरान थानाधिकारी कैलाश चंद यादव ने विरोध कर रहे लोगों से समझाइश कर मामला शांत करवाने का प्रयास किया। लेकिन लोग अपनी मांगों को लेकर अड़े रहे। बाद में दांतारामगढ़ एसडीएम राजेश कुमार मीणा मौके पर पहुंचे और विरोध कर रहे लोगों से समझाइश कर मामला शांत करवाया। बाद में नाराज लोगों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपा। जिसमें मांग रखी है कि निर्वाचन अधिकारी ने बिना किसी कारणों के 19 उम्मीदवारों के फार्म निरस्त कर दिए। ऐसे में चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्ष जांच करवा कर इस चुनाव प्रक्रिया को निरस्त कर पुन: चुनाव करवाए जाएं।
पहली बार श्रीमाधोपुर के बाहर का अध्यक्ष
सीकर दुग्ध संघ के इतिहास में चौथी बार संचालन मंडल के चुनाव हो रहे हैं। इससे पहले तीन बार हुए चुनाव में अध्यक्ष श्रीमाधोपुर तहसील की समितियों से आने वाले उम्मीदवार ही बने हैं। लेकिन इस बार जिस प्रकार से पहले समितियां निर्वाचन प्रक्रिया से बाहर हुई और अब नामांकन फार्म भरने वाले उम्मीदवार नामांकन खारिज होने से चुनाव प्रक्रिया से बाहर हुए हैं। उससे लगता है कि इस बार श्रीमाधोपुर से बाहर का उम्मीदवार डेयरी का अध्यक्ष बनेगा।