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राजस्थान के पांच लाख से ज्यादा विद्यार्थियों के भविष्य पर ‘कोरोना संकट’

locationसीकरPublished: Nov 29, 2020 11:39:31 am

प्रदेश के पांच लाख से अधिक विद्यार्थियों के पढ़ाई जारी रखने के सपने कोरोना के फेर में उलझे हुए है।

राजस्थान के  पांच लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स के भविष्य पर 'कोरोना संकट'

राजस्थान के पांच लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स के भविष्य पर ‘कोरोना संकट’

सीकर. प्रदेश के पांच लाख से अधिक विद्यार्थियों के पढ़ाई जारी रखने के सपने कोरोना के फेर में उलझे हुए है। इस साल कोरोना की वजह से स्कूल व कॉलेज शिक्षा का सत्र पूरी तरह बेपटरी है। स्कूल शिक्षा में कक्षा दसवीं व बारहवीं के बोर्ड परीक्षाओं के आवेदन जरूर भरे जा रहे है। लेकिन अन्य कक्षाओं को लेकर अभी तक शिक्षा विभाग ने कोई निर्णय नहीं किया है। वहीं कॉलेज शिक्षा ने प्रमोट किए विद्यार्थियों के संबंध में कोई फैसला नहीं किया है। ऐसे में प्रवेश प्रक्रिया प्रदेशभर में दिसम्बर तक जारी रहने की संभावना है। शिक्षा सत्र देरी से शुरू होने का खामियाजा प्रदेश के पांच लाख से अधिक जरूरतमंद विद्यार्थियों को भुगतना पड़ेगा। मामला सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से जुड़ी छात्रवृत्ति से जुड़ा है।

पहले अगस्त तक हो जाती प्रवेश प्रक्रिया पूरी
पिछले साल तक प्रदेश के स्कूल व कॉलेजों में अगस्त महीने तक प्रवेश प्रक्रिया पूरी हो जाती। ऐसे में सितम्बर-अक्टूबर महीने से छात्रवृत्ति की आवेदन प्रक्रिया लगभग पूरी हो जाती है। इसके बाद सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से फरवरी-मार्च तक राशि का भुगतान कर दिया जाता था। लेकिन इस साल अभी मामला प्रवेश प्रक्रिया में ही उलझा हुआ है।

केस एक: पढ़ाई करनी है तो उधार देकर चुकानी पड़ेगी फीस
सीकर निवासी श्यामसुंदर जिले के निजी आईटीआई कॉलेज में अध्ययनरत है। छात्रवृत्ति की आस में विद्यार्थी ने कॉलेज में दाखिला ले लिया। लेकिन अभी तक छात्रवृत्ति नहीं मिली। जबकि कॉलेज संचालक की ओर से इस सत्र की फीस भी मांगना शुरू कर दिया है। छात्र का कहना है कि यदि पढ़ाई जारी रखनी है तो मजबूरी में कही से पैसे उधार लेकर फीस चुकानी पड़ेगी।

केस दो: प्रमोट की अंकतालिका मिली नहीं
सीकर निवासी सुमन वर्मा ने बीएससी द्वितीय वर्ष में प्रमोट हो चुकी है। अभी तक अंकतालिका भी नहीं मिली है। लेकिन कॉलेज की ओर से तृतीय वर्ष की फीस जमा कराने की अंतिम तिथि भी घोषित कर दी। छात्रा का कहना है कि वह छात्रवृत्ति के सहारे ही पढ़ रही है। इस साल सत्र और छात्रवृत्ति प्रक्रिया देरी से होने की वजह से परेशानी बढ़ गई है।

फैक्ट फाइल:
हर साल कितने विद्यार्थी करते है आवेदन: 05 लाख
छात्रवृत्ति का भुगतान: 900 लाख से अधिक
इस साल उम्मीद: 5.50 लाख से ज्यादा आवेदन

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