ऐसे डाला जा रहा है मौतों पर पर्दा….
केस एक: तारपुरा में 25 मौत, जांच नहीं करा सके जिम्मेदार
सीकर तहसील की तारपुरा ग्राम पंचायत में पिछले एक महीने में 25 मौते हो चुकी है। ग्रामीणों की ओर से कोरोना की जांच की मांग की जाती रही। लेकिन सिस्टम के जिम्मेदार कुछ नहीं कर सके। ऐसे में मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ता गया। ऐसे में चिकित्सा विभाग ने इन मौतों को कोरोना में भी नहीं गिना है। मृतकों में ज्यादातर बुजुर्ग है। यहां पिछले एक महीने में महज नौ ही मृत्यु प्रमाण पत्र जारी हो सके है। सरपंच संतरा देवी ने बताया कि गांव के ज्यादातर घरों में लोग बीमार है। चिकित्सा विभाग सहित अन्य जिम्मेदारों को बता चुके है। इसके बाद भी सैम्पलिंग नहीं हो रही है। इस कारण मौतों की सही वजह भी पता नहीं लग पा रही है। चिकित्सा विभाग की लापरवाही की वजह से लोगों में काफी आक्रोश है।
केस दो: चक्कर पर चक्कर फिर भी नहीं मिला प्रमाण पत्र
नीमकाथाना इलाके के कुरबड़ा गांव निवासी कैलाश सिंह सिंह की 20 अप्रेल को सांवली कोविड अस्पताल में मौत हो गई। भतीजे विक्रम सिंह ने बताया कि मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए नगर परिषद सीकर में गए। वहां पर कर्मचारियों ने संतोष जनक जवाब नहीं दिया। अगले दिन गए तो कहा कि ऑनलाइन आवेदन करो अभी कार्यालय बंद है। ऑनलाइन भी आवेदन कर दिया लेकिन अभी तक प्रमाण पत्र नहीं मिला है।
केस तीन: पहले पॉजिटिव बाद में निगेटिव, प्रशासन ने बताई सामान्य मौत
गावड़ी निवासी उमेश अग्रवाल की जयपुर में नौ मई को मौत हो गई थी। जिसको पहले राजकीय कपिल अस्पताल में भर्ती करवाया जहां उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके बाद परिजन उसे जयपुर ले गए जहाँ उसकी रिपोर्ट नेगेटिव आई। प्रशासन ने सामान्य मौत बताया।
केस चार: एक ही घर में तीन मौत, प्रशासन ने बताई सिर्फ एक
रामगढ़ शेखावाटी नगर पालिका क्षेत्र में एक महीने में 20 कोरोना संदिग्धों की मौत हो चुकी है। जबकि प्रशासन ने महज 13 की पुष्टि की है। वार्ड संख्या 18 में लगभग दो सप्ताह पहले एक युवक की कोरोना संक्रमित होने पर बीकानेर में उपचार के दौरान मौत हो गई। इसके बाद उसकी मां की भी कोरोना उपचार के दौरान चूरू में मौत हो गई। इसी परिवार में गुरूवार रात को एक 60 वर्षीय वृद्धा की भी मौत हो चुकी है। जबकि प्रशासन इस परिवार में कोरोना से सिर्फ एक मौत गिनाई है। यदि आंकड़ों की बात करें तो पिछले एक महीने में महज 5 मृत्यु प्रमाण पत्र ही जारी हुए है।
केस पांच: श्रीमाधोपुर में 30 मौत, प्रशासन बता रहा 6, मृत्यु प्रमाण पत्र 18 जारी
श्रीमाधोपुर में एक महीने में 30 से अधिक कोरोना व कोरोना संदिग्धों का अंतिम संस्कार हुआ है। जबकि प्रशासन की ओर से पूरे ब्लॉक में महज मौत बताई गई है। जबकि यहां 18 से ज्यादा तो मृत्यु प्रमाण पत्र ही जारी हो चुके है। पूरे ब्लॉक में मौतों का आंकड़ा 40 से अधिक है।
केस छह: लक्ष्मणगढ़ में प्रमाण पत्र 10, जबकि मौत 15 से ज्यादा
लक्ष्मणगढ़ नगर पालिका क्षेत्र में पिछले एक महीने में 15 से ज्यादा मौत हो चुकी है। जबकि प्रमाण पत्र महज दस जारी हुए है। पालिका प्रशासन का तर्क है कि लोगों के आवेदन नहीं करने की वजह से प्रमाण पत्र जारी नहीं हुए है। यहां खीरवा सहित अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में 40 से ज्यादा मौत हो चुकी है। लेकिन इनको भी प्रशासन ने इनकी मौत के कारणों को भी कोरोना नहीं माना है।
विभाग के आंकड़ें
जिले में एक मार्च से अब तक कोरोना से मौत: 165
कुल कोरोना से मौत: 266
इनका कहना है
नगरीय व शहरी क्षेत्र में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के लिए सभी अधिकारियों को निर्देश दे रखे है। जिलेभर के कम्पाइल आंकड़े कार्यालय बंद होने की वजह से एकत्रित नहीं हुए है।
अरविन्द सामौर, मुख्य आयोजना अधिकारी, सीकर