कोरोना तेरी खैर नहीं...देख ले हिन्दुस्तान के जज्बे की तस्वीर
देश में उत्साह बढ़ाने के लिए क्लैपिंग। हर बालकनी और छत ने निभाई जिम्मेदारी।

सीकर. कोरोना को हराने के लिए देश एकजुट है। हर किसी के जहन में एक योद्धा सा समा गया है। रविवार को जनता कफ्र्यू और फिर शाम पांच बजे थालियों की ध्वनि से इस जज्बे को सलाम किया तो हर किसी के मन में कोरोना को ललकारने का माद्दा दिखाई दिया।
शाम पांच बजते ही...
हर घर की बालकनी, छत और खिडक़ी देश के कर्मवीरों के सम्मान में दिखाई दी। शाम पांच बजते ही शहरवासियों ने थाली और ताली बजाकर अपनी सहभागिता निभाई। महिलाएं बच्चे और बुजुर्ग सब शामिल थे। शहर के सुभाष चौक, घंटाघर, राणी सती रोड, नवलगढ़ रोड, स्टेशन रोड, बस डिपो क्षेत्र समेत लगभग सभी इलाकों में ये दृश्य दिखाई दिए।
बालकनी बोल रही थी...हम तैयार हैं
हर बिल्डिंग की बालकनी में लोग शाम पांच बजे आते ही आ गए। लोगों ने अपनी उपस्थिति दिखाई। थाली, स्पीकर, नगाड़े बजाकर कोरोना से लडऩे के लिए एकजुट दिखे। महिलाएं विशेष रूप से अपनी सहभागिता निभा रही थीं। बच्चों में भी उत्साह दिखा।
सुबह से था इंतजार
शाम पांच बजे का सभी को इंतजार था। सुबह से लोग मोबाइल पर अपने रिश्तेदारों और साथियों का हाल ले रहे थे। टीवी पर अपडेट ले रहे थे। लोगों ने सोशल मीडिया पर मैसेज कर शाम पांच बजे कैलेपिंग करने का आग्रह भी किया।
और इससे पहले...
कोरोना वायरस के संक्रमण और जनता कफ्र्यू के बीच लोग घरों में कैद रहे। सुबह से इलाके में नजर आने वाली चहल—पहल की जगह खामोशी रही। लोगों ने खुद को घरों में कैद कर लिया। हालत यह रहे कि लोगों ने जरूरी कामों को भी टाल दिया। ज्यादातर लोगों की जुबान पर यही बात थी कोरोना को मात देनी है तो घरों में ही रहना होगा। प्रदेश में लॉक डाउन के असर का असर सुबह से नजर आया। दूध और दवा की दुकानो की इक्का दुक्का ही खुली लेकिन उनपर भी ग्राहक नजर नहीं आए।
अब पाइए अपने शहर ( Sikar News in Hindi) सबसे पहले पत्रिका वेबसाइट पर | Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें Patrika Hindi News App, Hindi Samachar की ताज़ा खबरें हिदी में अपडेट पाने के लिए लाइक करें Patrika फेसबुक पेज