यह है विरोध की वजह:
टीकाकरण के लिए ऑनलाइन स्लॉट रोजाना शाम को बुक होते हैं। गांवों की साइट पर शहरी व आसपास के लोगों की ज्यादा बुकिंग हो रही है। ग्रामीणों का तर्क है कि जब गांव में शिविर है तो पहली प्राथमिकता गांव वालों को मिलनी चाहिए। इस मामले में चिकित्सा विभाग का तर्क है कि ऑनलाइन व्यवस्था में जो बुकिंग करेगा उसी को डोज दिया जा सकेगा। स्थानीय स्तर पर बदलाव नहीं हो सकता।
गांव वाले इसलिए नहीं कर पा रहे बुकिंग
ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क बड़ी समस्या है। ऐसे में गांव की साइट पर दूसरे क्षेत्रों के लोग आसानी से बुकिंग कर पा रहे हैं। कई ग्रामीणों के आईटी फैन्डली नहीं होने की वजह से भी समस्या आ रही है।
यह हो सकता है समाधान:
यदि सरकार ग्राम पंचायतों के जरिए ग्रामीण क्षेत्रों में बुकिंग का काम ई-मित्र वालों को दे तो ग्रामीणों को कुछ राहत मिल सकती है। इस संबंध में कई जिला कलक्टरों ने सरकार को सुझाव भी दिया है।
केन्द्र सरकार दे सकती है तत्काल राहत:
केन्द्र सरकार चाहे तो युवाओं को तत्काल राहत दे सकती है। मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव की वीसी में इस समस्या को उठाया जा चुका है। राज्य सरकार ने भी ऑनलाइन के साथ ऑफलाइन पंजीयन के साथ शिविर की अनुमति मांगी है। यदि अनुमति मिलती है तो ग्रामीणों को इस समस्या से राहत मिल सकती है।
केस एक: किरडोली में दो घंटे तक हंगामा
धोद इलाके के किरडोली गांव में सोमवार को वैक्सीनेशन होना था। यहां 150 से अधिक लोग दूसरे गांव व शहरों के पहुंच गए। इसको लेकर गांव के कुछ लोगों ने विरोध कर दिया। लगभग दो घंटे तक हंगामा चलता रहा। मामले की उपखंड अधिकारी से लेकर चिकित्सा विभाग को सूचना दी गई। आखिर में दूसरे गांव व शहरों के युवाओं को स्लॉट में बुकिंग होने के बाद भी वापस लौटना पड़ा। सीकर शहर से टीका लगवाने पहुंचे महेन्द्र बल्डोदिया का कहना है कि प्रशासन को वैक्सीनेशन के इंतजामों में काफी बदलाव किए जाने की आवश्यकता है।
केस एक: सरबड़ी में पुलिस बुलानी पड़ी
धोद इलाके के सरबड़ी गांव में कुछ लोगों ने बाहरी लोगों के टीका लगवाने पहुंचने पर विरोध शुरू कर दिया। यहां हंगामा होने की संभावना पर पुलिस बुलानी पड़ी। पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की समझाईश के बाद टीकाकरण हो सका। गांव के युवाओं ने पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को भविष्य में होने वाले टीकाकरण में स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता देने की बात कही है।
केस दो: स्थगित करने पड़े शिविर
फतेहपुर इलाके के बेसवा व कायमसर गांव में भी दूसरे गांव के युवाओं के पंजीयन के बाद टीका लगवाने पहुंचने पर काफी हंगामा हो चुका है। ग्रामीणों के नहीं मानने पर चिकित्सा विभाग की ओर से शिविरों को स्थगित करना पड़ा। हालांकि इसके बाद यहां वैक्सीनेशन के लिए शाम को खोले जाने वाले स्लॉट 15 से 20 मिनट के अंतराल से खोलने का नवाचार किया जा चुका है।
केस:3 बंद करवाया वैक्सीनेशन
कोरोना के पैर पसारने के बीच गुंगारा में सोमवार को टीकाकरण शिविर भी बीच में रद्द कर दिया गया। यहां 150 लोगों का टीकाकरण होना था। जिनमें से 142 लोग अन्य गांवों के होने की वजह से यह टीकाकरण रुकवा दिया गया। सरपंच राकेश बलौद ने बताया कि अन्य गांवों से लोगों के आने पर गांव में कोरोना संक्रमण का खतरा ज्यादा बढ़ रहा है। ऐसे में एसडीएम से बात कर शिविर को बीच में ही रोक दिया गया और टीके की 52 डोज वापस भिजवा दी गई।
सरकार तक पहुंचा दी युवाओं की पीड़ा: प्रशासन
हां यह सही है कि कुछ गांवों में विरोध हो रहा है। इस मामले में राज्य सरकार तक युवाओं की भावना पहुंचा दी है। वैक्सीनेशन के ऑनलाइन शिड्यूल के मामले में सरकार काफी गंभीर है। इसमें जो नवाचार हो सकते थे किए जा रहे हैं। ऑफलाइन पंजीयन की छूट मिलने पर गांव के लोगों को ज्यादा प्राथमिकता मिल सकेगी।
अविचल चतुर्वेदी, जिला कलक्टर, सीकर
रोजाना मिल रही है शिकायत: चिकित्सा विभाग
जिले में कई शिविरों में ग्रामीणों की ओर से विरोध की शिकायत मिल रही है। कई जगह पुलिस जाब्ता भी बुलाना पड़ा है। जिला कलक्टर को पूरे मामले से अवगत करा दिया है। जिला प्रशासन और चिकित्सा विभाग जितने बेहतर इंतजाम लोकल स्तर पर कर सकता है वह किए जा रहे हैं।
डॉ. निर्मल सिंह, जिला शिशु स्वास्थ्य अधिकारी
युवाओं की मांग पहले स्थानीय को मौका: पुलिस
सरबड़ी गांव में युवाओं के विरोध की सूचना मिली थी। यहां युवाओं ने पहले स्थानीय को मौका देने की मांग को लेकर ज्ञापन दिया है। इसके बाद शिविर शुरू करा दिया है।
अमित नागौरा, थानाधिकारी, धोद