इनके साथ हुआ फर्जीवाड़ा ( Fraud in Swachh Bharat Mission )
लक्ष्मणगढ़ के रहने वाले ज्वेलर्स प्रकाश सोनी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण उन्होंने 2017 में स्वच्छता अभियान के तहत विभाग की वेबसाइट (आईआईएचएल ) पर शौचालय के लिए ऑनलाइन आवेदन किया। आवेदन के बाद उन्होंने नगरपालिका में कई चक्कर लगाए। पहले तो उनके फॉर्म को स्वीकार करने से ही इंकार कर दिया गया। दो साल तक उन्होंने नगरपालिका में शौचालय निर्माण के रुपए लेने के लिए चक्कर काटे। बाद में परेशान होकर वह खुद भूल गए।
फोटो अपलोड होने का मैसेज आया तो खुलासा हुआ
प्रकाश सोनी ने बताया कि 24 जुलाई 2019 को उनके मोबाइल पर मिनिस्ट्री ऑफ हॉउसिंग एंड अर्बन अफेयर की ओर से मैसेज आया। मैसेज अपने मित्र से पढ़वाया तो पता लगा कि उनके शौचालय निर्माण की फोटो अपलोड़ की जा चुकी है। हैरानी की बात है कि उन्होंने रुपए नहीं मिलने के कारण उन्होंने शौचालय बनवाया ही नहीं, तो फोटो कैसे अपलोड़ हो गई। दो साल का अंतराल होने के कारण वह अपनी आइडी भी भूल चुके थे। ऐसे में मोबाइल पर आए मैसेज के आधार पर उन्होंने विभाग की वेबसाइट पर चैक किया तो उसमें एक फोटो शौचालय की लगी हुई थी। आवेदन के बाद उनके आवेदन को 16 जुलाई 2017 को वाजिद अहमद ने वेरीफाई किया था और उनके अकाउंट को ईओ प्रियंका बुडानिया ने अप्रूव्ड किया था। इसके बाद उन्होंने लक्ष्मणगढ़ नगरपालिका में आवेदन स्वीकार होने और फर्जी फोटो अपलोड़ किए जाने की शिकायत की।
अन्य खाते में 4 हजार रुपए ट्रांसफर किए
विभाग की वेबसाइट पर पूरे मामले की जांच की तो पता लगा कि शौचालय निर्माण की फोटो अपलोड़ करने के बाद किसी अन्य के खाते में 4 हजार रुपए भी ट्रांसफर कर दिए गए। उन्होंने एसबीआई बैंक लक्ष्मणगढ़ ब्रांच का खाता नंबर दे रखा था। उन्होंने नगरपालिका लक्ष्मणगढ़ में रुपए ट्रांसफर किए जाने की शिकायत भी की। दो दिन के बाद उनके आवेदन पर रिजेक्ट किए जाने की नोट डाल दिया गया। जबकि शौचालय निर्माण की पहली किस्त के 4 हजार रुपए अन्य खाते में ट्रांसफर किए जा चुके थे। रुपए ट्रंासफर किए जाने पर पालिकाकर्मियों ने कुछ दिनों के बाद जांच किए जाने की बात कहीं। शिकायत दिए जाने के बाद उनकी आईड़ी पर रिजेक्ट करने का मैसेज डाल दिया गया।
पीडि़त ने पूछा: शौचालय कहां…
मोबाइल पर मैसेज मिलने के बाद गुस्साए प्रकाश सोनी ने नगरपालिका अधिशासी अधिकारी को शिकायत देकर पत्र लिखा। उन्होंने पूछा कि पहले तो मेरा आवेदन विभाग ने स्वीकार ही नहीं किया था। बार-बार विभाग ने लिस्ट में नाम आने से ही मना कर दिया था। उन्होंने पूछा कि मैंने घर में शौचालय निर्माण कराया ही नहीं तो मेरी आइडी पर किसका फोटो अपलोड किया गया।