अभय कमांड के कैमरे दिखावटी
सीकर शहर में अभय कमांड योजना के तहत लगाए गए कैमरे योजना शुरू होने के एक वर्ष भी दिखावटी साबित हो रहे हैं। कंपनी ने शहर में कैमरे लगाने के साथ फाइबर केबिल भी डाल दी, लेकिन भुगतान पूरा नहीं होने के कारण अभी तक कैमरों का कनेक्शन नहीं जोड़ा गया है। अभी तक पुलिस कंट्रोल रूम में भी तैयारियां पूरी नहीं हो पाई है। ऐसे में करोड़ों की इस योजना का पुलिस और शहर के लोगों को फायदा नहीं मिल पा रहा है।
चार जिलों व हरियाणा से लगती है सीमा ( Crime Activity in Shekhawati )
सीकर जिले की भौगोलिक स्थिति को देखा जाए तो चार जिलों और निकटवर्ती हरियाणा प्रदेश की सीमा इस जिले के पास से गुजरती है। नीमकाथाना और पाटन क्षेत्र हरियाणा की सीमा से जुड़ा हुआ है। वहीं फतेहपुर और नेछवा क्षेत्र चूरू, लोसल, दांतारामगढ़ और नेछवा नागौर, दादिया का क्षेत्र झुंझुनूं और नीमकाथाना व रींगस क्षेत्र जयपुर ग्रामीण क्षेत्र से जुड़ा हुआ है। लेकिन इन सीमा क्षेत्रों पर पुलिस की सुरक्षा के कोई खास इंतजाम नहीं है। अपराधी लिंक रास्तों का उपयोग कर आते हैं और वहीं से वापस निकल जाते हैं। ऐसे में पुलिस के पास हाथ मलने के अलावा कुछ नहीं बचता।
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प्रवेश पर नहीं है पुलिस की नजर
सीकर शहर की सुरक्षा की स्थिति पर नजर डाले तो दस प्रमुख सडक़ और बाइपास के रास्ता प्रमुख है। लेकिन इन रास्तों पर पुलिस की कोई नजर नहीं है। गैंगवार के चलते पहले लगाई गई बैरिकेटिंग और स्थाई नाकाबंदी के पोइंट भी पुलिस ने हटा दिए हैं। ऐसे में अपराधियों के प्रमुख रास्ते में आने और जाने पर पुलिस की कोई रोक नहीं है। लिंक रास्तों की स्थिति देखे तो पुलिस के पास इनका रिकार्ड ही नहीं है। वारदात होने पर पुलिस टोल नाकों पर लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच में जुट जाती है।