crime in Sikar : सुभाष बानूड़ा ने चचेरे भाई के साथ मिलकर सबसे पहले मनोज ओला और बाद में ओमा ठेहट को मारने की योजना बनाई। पवन का दोस्त संदीप सैनी सीकर में ही रहता था। संदीप से संपर्क कर मनोज ओला की रेकी कराई। उन्हें पता लगा कि झुंझुनूं बाइपास पर आरके मेगा मार्ट में मनोज ओला अक्सर रोजाना शाम के समय में ही आकर बैठता था। 7 अगस्त 2018 को सुभाष बानूड़ा, पवन अपने साथ सीताराम और नटवर को साथ लेकर दुकान पर गए।
वहां पर संदीप ने ही दुकान में बैठे होने की रेकी की। उन्होंने 8 अगस्त के उसे मारने की योजना बनाई। अगले दिन चारों जैसे ही रामनिवास की गाड़ी लेकर दुकान पर गए तो मनोज नहीं मिला। पूछताछ करने पर पता लगा कि वह कुचामन चला गया है। तब उन्होंने तीसरे दिन मारने की योजना बनाई। तीसरे दिन चारों बाइक और गाड़ी लेकर दुकान पर गए और फायरिंग की।
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पवन ही चारों को धर्म की बहन के पास कुचामन ले गया था
मनोज ओला पर फायरिंग के बाद चारों झुंझुनूं बाइपास से होकर भागे थे। अल्टो गाड़ी को छोड़ कर चारों बाइक लेकर कुचामन चले गए। कुचामन में ही पवन की धर्म बहन रहती थी। धर्म बहन के पास पहुंच कर चारों रुके। इसके बाद वहां से उन्हें पता लगा कि मनोज ओला बच गया है तो चारों जयपुर चले गए। सुभाष बराल ने उन्हें जयपुर में अपने दोस्तों के पास ही रुकवाया था। मानसरोवर, 22 गोदाम, झोटवाड़ा सहित कई जगहों पर चारों को रूकवाया था। पवन ने ही रानोली के शक्ति सिंह से परिचय करवाया था। उसके बाद सभी मुंबई चले गए। बाद में वह गुजरात के सूरत और अहमदाबाद में गए थे। वहां से चारों अलग-अलग हो गए। रानोली में आने के बाद शक्ति सिंह के पास रुके और बीजू पर फायरिंग की थी।
डर के कारण बस में करता था सफर
मनोज ओला पर फायरिंग के कुछ दिनों के बाद सुभाष और पवन बानूड़ा रानोली में आ गए थे। पुलिस टीमों ने सूचना मिलने पर लगातार कई दिनों तक संभावित स्थानों पर दबिश दी थी। कई जगहों पर पुलिस की दबिश से पहले ही दोनों निकल गए थे। पुलिस की दबिश के कारण पवन बस में ही सफर करता था। उन्होंने निजी गाडियों में आना-जाना छोड़ दिया था।
परेशान होकर पवन सरेंडर करना चाहता था। पुलिस के स्पेशल टीम के साथ सरेंडर करने की योजना भी बनी थी। बाद में वह हरियाणा फरार हो गया था। टीम के सभी साथी हुलिया बदल कर रेल और बस में ही डर के कारण सफर करते थे।
एक-एक कर 5 वारदातों पर भी सीकर पुलिस को नहीं लगा सुराग
बीबीए पास पवन बानूड़ा ने मनोज ओला पर फायरिंग के बाद लगातार 5 वारदातों में शामिल रहा था। पुलिस को पवन सहित अन्य बदमाशों का कोई सुराग नहीं मिल पाया था। 7 नवम्बर 2018 को बीजू रानोली को मारने के लिए फायरिंग की। बाद में 13 दिसम्बर 2018 में उन्होंने ओमा पर फायरिंग की। उन्हें फरारी काटने के लिए रुपयों की जरुरत हो रही थी तब उन्होंने लूट की योजना बनाई। सरुंड इलाके में उन्होंने बकरा मंडी के व्यापारी से 45 लाख रुपयों की लूट को अंजाम दिया था। लोसल और सीकर के कोतवाली इलाके में भी उन्होंने व्यापारी से मारपीट की थी।