गनीमत रही कि कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ। इसके बाद भी जिम्मेदार चैन की नींद में है। इससे इलाके के लोगों में काफी आक्रोश है। कहना है कि हर्ष पर्वत की सुध लेने कोई नहीं आता है। शनिवार के हादसे में 600 मीटर नीचे गिरी कार को दूसरे दिन भी नहीं निकाला जा सका।
पत्रिका लाइव: टूटी डगर से सफर मुश्किल
रविवार को हल्की बारिश के बाद काफी लोग हर्ष घूमने के लिए घरों से निकले। मुश्किल डगर को पार कर हर्ष पहुंचने वाले लोगों से पत्रिका टीम ने बातचीत की। लोगों ने बताया कि सुरक्षा व खाने-पीने के इंतजामों की बात करना तो बेमानी है। यहां प्रशासन और हमारे नेता यदि सही सडक़ ही बनवा दे तो बहुत है। लोगों में शनिवार को हुए हादसे के बाद आक्रोश भी देखने को मिला। सीकर के पंकज शर्मा ने बताया कि यदि यहां सडक़ बनाकर सुविधाएं बढ़ाई जाए तो काफी पर्यटक आ सकते हैं।
चलती कार का टायर फटा
हर्ष पर्वत पर शनिवार की रात 600 फीट गहरी खाई में कार गिरने के हादसे के बाद रविवार रात एक बार फिर बड़ा हादसा होने से टल गया। घटना के अनुसार हर्ष पर्वत से नीचे उतर रही कार का टूटी-फूटी सडक़ होने के कारण चालक साइड का टायर फट गया था। इस दौरान जब कार के ब्रेक नहीं लगे और वह तेजी से खाई की तरफ बढऩे लगी तो उसमें सवार लोग घबरा गए। हालांकि बाद में कार नीचे आकर रूक गई और बड़ा हादसा होने से टल गया।
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