सीकर

बेटी भी किसी बेटे से कम नहीं… अपने बीमार पिता के लिए लाडो का ऐसा संघर्ष देखकर आपको बेटियों पर होगा गर्व

सामाजिक बंधनों को तोडकऱ शिक्षा की परवाज लिए उड़ान भरने वाली एक बेटी की उड़ान पर सूदखोरों ने ब्रेक लगा दिए है।

सीकरJan 30, 2019 / 04:43 pm

Vinod Chauhan

बेटी भी किसी बेटे से कम नहीं… अपने बीमार पिता के लिए लाडो का ऐसा संघर्ष देखकर आपको बेटियों पर होगा गर्व

जोगेंद्र सिंह गौड़, सीकर.

सामाजिक बंधनों को तोडकऱ शिक्षा की परवाज लिए उड़ान भरने वाली एक बेटी की उड़ान पर सूदखोरों ने ब्रेक लगा दिए है। मामला सीकर जिले के लक्ष्मणगढ़ तहसील के माधोपुर गांव का है। यहां एक बेटी ने परिवार के सूदखोरी के दलदल में फंसे होने के कारण पढ़ाई छोड़ दी है। एक लाख के ढ़ाई लाख चुकाने के बाद भी कर्जा पूरा नहीं हुआ तो मजबूर बेटी ने अब किताब की जगह हाथों में दांतिया थाम ली है। लेकिन जिम्मेदार व्यवस्था अब भी सोई हुई है। बकौल बेटी ममता, खेत में धान उगाकर वह अपने बीमार पिता का कर्जा उतारना चाहती है। बेटी ममता का कहना है कि सूदखोरों के पैसा चुकाकर वह दुबारा से आठवीें क्लास से पढ़ाई शुरू करेगी। लाडो का मानना है कि कर्ज के रुपयों ने उनके घर की हालत माली कर दी है। हालांकि उसके दो भाई-बहन और हैं। लेकिन, उनकी पढ़ाई का जिम्मा बुआ व बड़ी दीदी ने संभाल रखा है।


बीमारी के उपचार के लिए उधारी
ममता की मां मनोज देवी के अनुसार उसके ससुर बीमार होने पर उन्होंने सूदखोरों से रुपए उधार लिए थे। उधारी के एक लाख के बदले पीडि़त परिवार ढाई लाख चुकता कर चुका है। लेकिन, फिर भी उनका ब्याज पूरा ही नहीं हो रहा है। जबकि अब तो उसके पति रामकरण भी चिंता में बीमार रहने लगे हैं। परिवार वालों को कहा तो सूदखोर उनकी भी नहीं सुन रहे हैं।


बीपीएल का प्रयास
गांव भैरूपुरा के जगदीशप्रसाद सुंडा और माधोपुरा के उम्मेद धायल का कहना है कि पीडि़त परिवार के लिए मानवाधिकार आयोग में अपील भिजवाई गई है। जिसमें इनका नाम बीपीएल क्षेणी में जोडऩे और इनके लिए शौचालय निर्माण की व्यवस्था करके देने की मांग शामिल है।

Home / Sikar / बेटी भी किसी बेटे से कम नहीं… अपने बीमार पिता के लिए लाडो का ऐसा संघर्ष देखकर आपको बेटियों पर होगा गर्व

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.