scriptदिल्ली पुलिस ने ट्रक पर लिखा, वतन में छिपे गद्दारों … | Delhi Police wrote on the truck, traitors hidden in the country | Patrika News

दिल्ली पुलिस ने ट्रक पर लिखा, वतन में छिपे गद्दारों …

locationसीकरPublished: Feb 27, 2020 12:09:01 pm

Submitted by:

Sachin

दिल्ली के गोकुलपुरी में सोमवार को हुई हिंसा में सीकर के पुलिस जवान रतन लाल शहीद हो गए।

दिल्ली पुलिस ने ट्रक पर लिखा, वतन में छिपे गद्दारों ...

दिल्ली पुलिस ने ट्रक पर लिखा, वतन में छिपे गद्दारों …

सीकर. दिल्ली के गोकुलपुरी में सोमवार को हुई हिंसा में सीकर के पुलिस जवान रतन लाल शहीद हो गए। शहीद की पार्थिव देह दिल्ली से एक ट्रक में पैतृक गांव तिहावली लाई गई। जिस पर लगा एक पोस्टर काफी सुर्खियां बंटोर रहा है। पोस्टर पर एक तरफ वायु सेना के विंग कमांडर अभिनंदन व दूसरी ओर दिल्ली हिंसा के शिकार शहीद रतनलाल की फोटो थी। जिस पर लिखा था कि ‘दुश्मनों के बीच से जिंदा आया भारत का लाल,वतन मे छिपे गद्दारों के हाथों मरे रतनलाल’। पोस्टर को देखकर जवान की अंत्येष्टि में आए लोगों का आक्रोश ओर उबाल खा गया। लोगों ने तत्काल ही ..देश के गद्दारों को…गोली मारों …के लगाना शुरू कर दिया। काफी देर तक यह नारेबाजी चलती रही।

शहादत के सम्मान में उमड़ा गांव, नहीं जल चूल्हे

हैडकांस्टेबल रतनलाल की शहादत के सम्मान में तिहावली और आसपास के गांव उमड़ गए। शहीद के सम्मान में बुधवार को गांव की एक भी दुकान नहीं खुली। लोगों ने अंतिम संस्कार से पहले घरों में खाना भी नहीं बनाया। शव आने की सूचना पर तड़के पांच बजे ही गांव के लोग गांव से तीन किलोमीटर दूर हाइवे पर स्थित सदीनसर गांव के बस स्टैंड पर एकत्र हो गए। गांव के युवा शहीद के शव को बाइक से अगवाई कर सदीनसर तक लाए। इसके बाद शहीद घोषित करने की मांग को लेकर प्रदर्शन शुरू हो गया। गांव के लोगों का कहना था कि हैड कांस्टेबल रतनलाल की शहादत पर उन्हें गर्व है। लेकिन देश की राजधानी में उपद्रवियों की गोली लगने से ग्रामीण बेहद गुस्से में नजर आ रहे थे। लोगों का कहना था कि रतनलाल दो दिन पहले शहीद हो गए थे, लेकिन किसी भी नेता और अधिकारी ने उनके परिवार की सुध नहीं ली। रास्ता जाम कर प्रदर्शन करने पर ही नेताओं की आंख खुली है।

बेटी बोली, पापा के हत्यारों को फांसी की सजा मिले
रतनलाल की बड़ी बेटी सिद्धी का कहना है पापा देश के लिए काम कर रहे थे। वह अपनी ड्यूटी निभा रहे थे। इस दौरान उनको गोली गली थी। ऐसे में उनके हत्यारों को फांसी की सजा दी जानी चाहिए। इसके बाद वह मायूस हो गई। उसने कहा कि पापा कहते थे रिटायरमेंट के बाद अपन गांव ही चलेंगे। बेटी ने कहा वह कहते थे कि पहले तुम पढ़ लिख लो इसके बाद जो भी बनना है वह बन जाना।

सात वर्षीय बेटे ने दी मुखाग्नि
दिल्ली हिंसा में वीर गति पाने वाले सीकर के जवान रतनलाल का अंतिम संस्कार पैतृक गांव तिहावली स्थित अंत्येष्टि स्थल पर हुआ। शहीद को सात वर्षीय बेटे राम ने मुखाग्नि दी। शहीद रतनलाल की अंतिम यात्रा में तिहावली के अलावा डाबली, सिदनसर, फतेहपुर सहित आसपास के कई गांवों व झुंझुनूं तक के हजारों लोग शामिल हुए। जो पूरी यात्रा में शहीद रतनलाल अमर रहे, वंदेमातरम व भारत माता के गगनभेदी जयकारे लगातार लगाते रहे।
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