यह है कारण राजस्थान रोडवेज में रात्रि विश्राम की राशि प्रति ट्रिप महज 90 रुपए ही दी जा रही हो जबकि राात्रि में न तो फ्लाइंग का डर, मनमर्जी से स्टॉपेज पर गाडियों को रोकना, कई बार तो बस को बीच रास्ते में खराब दिखाकर मनचाही जगह या होटल पर रुक जाने की सुविधा कर्मचारियों को रास आ रही है। कई कर्मचारियों का मानना है कि रोडवेज की ओर से दिया जाने वाला रात्रि भत्ता तो महज सुलभ सुविधाओं में खर्च हो जाता है। यही कारण है कि परिचालक रात्रि विश्राम के लिए अनैतिक साधनों को अपना लेते हैं।
ये है हकीकत रोडवेज चालक व परिचालक को एक ट्रिप में रात्रि भत्ता 90 रुपए मिलता है। परिचालकों को एक बिस्तर के लिए 40 रुपए, खाना के लिए 70 रुपए व सुलभ सुविधाओं के लिए 20 रुपए देने होते हैं। ऐसे में परिचालक इस राशि को खुद की जेब से देने की बजाए यात्रियों के किराए से निकालने का प्रयास करता है। यही कारण है अधिकारी भी इन बसों का चैक नहीं करते हैं।
इनका कहना है डिपो की फ्लाइंग लगातार जांच करती रहती है। फ्लाइंग की ओर स- मुकन सिंह , प्रबंधक यातायात