फाटक संख्या 107 व 108 पर दोनों तरफ आने जाने के लिए सम्बंधित विभाग एवं राज्य सरकार से लेकर केन्द्र सरकार तक गुहार लगा चुके हैं। पालिकाध्यक्ष द्वारा रेलवे के जनरल मैनेजर को भी निरीक्षण के दौरान कस्बे की इस समास्या के समाधान के लिए अवगत करवाया था, सांसद सुमेधानंद सरस्वती को भी इस समस्या के समाधान के लिए अनेक बार अवगत करवाया गया है, लेकिन समाधान के नाम पर आज तक केवल कोरे आश्वासन ही मिले है। पालिकाध्यक्ष कैलाश पारीक का कहना है कि फाटक पर अंडरपास तो जरूरी है लेकिन नगरपालिका के पास इतना बजट कहा है कि समस्या का समाधान अकेले किया जा सके। राज्य सरकार अगर अतिरिक्त बजट दे तो समस्या का समाधान हो सकता है।
दो किमी का चक्कर
रेलवे फाटक के दोनों तरफ रहने वाले लोगों को इस पार से उस पार जाने के लिए करीब दो किमी का चक्कर लगाना पड़ता है। ब्रिज के ऊपर से गुजरने वाले पैदल राहगीरों के लिए फुटपाथ नहीं होने के चलते वाहनों से हादसा होने का अंदेशा बना रहता है। ब्रिज पर कई बार तो हादसा होने के बाद घंटों तक जाम लगा रहता है जिससे लोगों की समस्या और अधिक बढ जाती है।