scriptकेन्द्र की स्वीकृति नहीं मिलने से अटका प्रदेश के किसानों का विकास | Development of farmers of the state stuck due to lack of central appro | Patrika News

केन्द्र की स्वीकृति नहीं मिलने से अटका प्रदेश के किसानों का विकास

locationसीकरPublished: Sep 04, 2019 09:42:13 pm

Submitted by:

Puran

गांवों का नहीं हो रहा चयन, पुराने चयनित गांवों में होंगे उद्यानिकी, पशुपालन और वानिकी के काम किसानों को नहीं मिलेगी सुविधाएं

केन्द्र की स्वीकृति नहीं मिलने से अटका प्रदेश के किसानों का विकास

केन्द्र की स्वीकृति नहीं मिलने से अटका प्रदेश के किसानों का विकास

सीकर. उद्यानिकी, पशुपालन, सहकारिता की गतिविधियों को देंगे बढ़ावा के लिए केन्द्र सरकार की ओर से स्वीकृति नहीं मिलने से किसानों का विकास अटक गया। वजह नेशनल मिशन ऑफ एग्रीकल्चर के तहत जिले में नए गांव और किसानों के चयन के लिए स्वीकृति नहीं मिलना है। इससे जिले में नया आदर्श गांव बनाने की कृषि विभाग की मंशा अधूरी रह गई है। गौरतलब है कि एक ही गांव में कृषि एवं पशुपालन उद्योग से जुड़ी सभी योजनाएं एक साथ देखने को मिले सके इसके लिए जिले में प्रत्येक वर्ष एक गांव का आदर्श गांव के रूप में चयन किया जाता है। गौरतलब है कि वर्ष 17-18 में रींगस के ग्रामीण इलाके का चयन किया गया था।
योजनाओं पर मिलता अनुदान

योजना के तहत चयनित गांव में पिछले सालों में करीब 42 लाख रुपए का बजट मिला / इन गांव के योजना में इच्छुक किसान एक हजार मीटर के क्षेत्र में ग्रीनहाउस लगा सकते। भले ही ग्रीन हाउस को तैयार करने में कितना भी खर्च लगे लेकिन सरकार की ओर से पौने पांच लाख रुपए का अनुदान मिलता। रासासनिक खाद के बढ़ते प्रयोग को कम करने के लिए वर्मी कम्पोस्ट बनाए जाते। साथ ही सर्दियों के सीजन में लोटनल के लिए अनुदान मिलता। जिले में उद्यानिकी गतिविधियों को शामिल किया गया है।
ये है चयनित गांव

15-16 – अजबपुरा

16-17 – राढ की ढाणी

17-18 ग्रामीण रींगस

इनका कहना है

नमसा के तहत पिछले वर्ष रींगस के ग्रामीण इलाके का चयन किया गया था। इस बार नए गांव के चयन के लिए बजट नहीं मिला है। मॉडल रूप में विकसित गांव के चयन होने से सौ हेक्टेयर में प्रदर्शन नहीं लग पाएंगे। चयन नहीं होने से किसानों को पशुपालन व उद्यानिकी तकनीकी जानकारी एक साथ नहंी मिलेगी। – एसआर कटारिया, उपनिदेशक कृषि सीकर
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