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आंखों में पल रहे ख्वाब...अभी ख्वाब ही हैं...हकीकत नहीं

locationसीकरPublished: Dec 24, 2021 10:44:35 pm

Submitted by:

Narendra Sharma

बरसों से जननेता दिखा रहे हैं विकास के चुनावी सपने, हश्र भी चुनावी

आंखों में पल रहे ख्वाब...अभी ख्वाब ही हैं...हकीकत नहीं
आंखों में पल रहे ख्वाब...अभी ख्वाब ही हैं...हकीकत नहीं
नरेन्द्र शर्मा. सीकर.

सीकर ने विकास की दिशा में कदम तो बढ़ाए, लेकिन विकास की वो बुलंदी आज भी नहीं छू पाया, जिसके सपने पिछले 20 सालों में राजनेता सीकर की जनता को दिखा रहे हैं। पिछले पांच चुनावों की ही चर्चा करे, तो पाएंगे कि सपनों की फेहरिस्त तो बहुत लंबी रही, लेकिन हकीकत की जमीन आज भी बंजर नजर आ रही है। 2003...2008...2013....2018....के चुनावों में राजनेताओं ने लंबे चौड़े दावे किए थे, लेकिन आज भी सीकर खाली हाथ ही है। जबकि इन चुनावों में सीकर की जनता ने यहां के विधायकों को मंत्री पद तक भी पहुंचा दिया था। बरसों से सीकर की जनता के मुद्दे फाइलों में अटके हुए है। सीकर में आठ में से 7 सीट पर कांग्रेस की टिकट पर विधायक चुनाव जीते हैं और एक सीट निर्दलीय महादेव सिंह खंडेला की थी, जो कांग्रेस के साथ हैं।
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