एकादशी पर मुख्य मेला कल
बाबा श्याम के फाल्गुनी लक्खी मेला एकादशी पर परवान पर होगा। मुख्य मेले के लिए बुधवार से ही खाटूश्यामजी में श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया है। जो श्याम मंदिर में बाबा श्याम को शीश नवाने के साथ शोभायात्रा में भी शामिल होंगे।
नाइट कर्फ्यू का पड़ेगा असर
खाटू के फाल्गुनी के दौरान जहां पहले दशमी से बारस तक पूरी खाटू नगरी श्याममय रहती थी। हाल यह हो जाता था कि इन तीन दिनों में हर मार्ग श्रद्धालुओं का अनवरत आने का क्रम जारी रहता था। लेकिन इसबार सोमवार अष्टमी से ही रात 10 से अगले दिन सुबह 5 बजे तक श्याम नरेश के पट बंद होने के चलते अब भक्तों को रोजाना सुबह आठ से रात 10 बजे तक ही दर्शन हो सकेंगे। खाटू नरेश की आस्था में डूबे रामगढ़ शेखावाटी के ढांढण गांव के चंद्र प्रकाश पिछले दो साल से मुंबई से खाटूधाम की पदयात्रा कर रहे हैं। बकौल चंद्रप्रकाश लॉकडाउन अवधि को छोड़कर वे अब तक 15 बार अनवरत पदयात्रा कर चुके हंै। चंद्रप्रकाश के लगातार 16 वीं बार खाटू पहुंचने पर श्याम भक्तों ने श्याम दुपट्टा ओढ़ाकर अभिनंदन किया।
भक्तों पर दोहरी मार
पहले से ही कोरोना महामारी से जूझ रहे श्याम भक्तों को अब मौसम की मार भी झेलनी पड़ रही है। दो दिन से बार-बार पलट रहे मौसम के कारण छोटे बच्चे व बुजुर्ग पदयात्री मौसमी बीमारियों की चपेट में आ रहे है। वहीं स्वास्थ्य विभाग ने मेले के दौरान 350 चिक्त्सिकों को लगाने का दावा किया है, लेकिन हकीकत यह है कि मेला ग्राउंड तो दूर शहर के सीएचसी पर सोमवार रात 9 बजे यहां 6 चिकित्सकों की ड्यूटी थी लेकिन दो चिकित्सक ही मिले। ऐसे में श्रद्धालु प्रशासन की बजाय केवल बाबा श्याम के भरोसे ही है।