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डॉक्टरों की हड़ताल: अस्पतालों में अटके 600 ऑपरेशन, भटकने को मजबूर हुए मरीज

locationसीकरPublished: Jun 17, 2019 06:13:03 pm

Submitted by:

Vinod Chauhan

कोलकाता के नील रतन सरकार मेडिकल कॉलेज में हिंसक भीड़ के चिकित्सक पर हमले सहित प्रदेशभर के अस्पतालों में चिकित्सको के साथ हो रही हिंसक घटनाओ के विरोध में आज सीकर में भी सरकारी और निजी चिकित्सक हड़ताल पर है।

कोलकाता के नील रतन सरकार मेडिकल कॉलेज में हिंसक भीड़ के चिकित्सक पर हमले सहित प्रदेशभर के अस्पतालों में चिकित्सको के साथ हो रही हिंसक घटनाओ के विरोध में आज सीकर में भी सरकारी और निजी चिकित्सक हड़ताल पर है।

डॉक्टरों की हड़ताल: अस्पतालों में अटके 600 ऑपरेशन, भटकने को मजबूर हुए मरीज

सीकर।

कोलकाता के नील रतन सरकार मेडिकल कॉलेज में हिंसक भीड़ के चिकित्सक पर हमले सहित प्रदेशभर के अस्पतालों में चिकित्सको के साथ हो रही हिंसक घटनाओ के विरोध में आज सीकर में भी सरकारी और निजी चिकित्सक हड़ताल ( Doctor’s strike ) पर है। आपातकालीन चिकित्सा सुविधा को छोड़ इस दौरान चिकित्सकों ने ओपीडी और इनडोर में उपचार का बहिष्कार कर रखा है। जिससे अस्पतालों मेें पहुंचे मरीजों को खासी परेशानी झेलनी पड़ रही है। खासतौर पर गंभीर और दूर से पहुंचे मरीजों को भी चिकित्सा सेवा नहीं मिलने से बैरंग लौटना पड़ रहा है। उधर, चिकित्सकों की हड़ताल के बीच एसके अस्पताल में हालांकि प्रशासन ने आपातकालीन सेवाओं के लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति का दावा किया है। लेकिन, इसके बावजूद भी मरीजों को राहत नहीं मिल पा रही है। उपचार की पर्ची के लिए एकमात्र खुली आपातकालीन खिडक़ी पर भी लंबी कतार नजर आ रही है। अरिस्दा के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. अजय चौधरी तथा निजी चिकित्सक एसोसियशन के डॉ वीके जैन ने बताया कि जब तक देशभर में चिकित्सकों की सुरक्षा के लिए कोई सार्थक कदम नहीं उठाया जाएगा, तब तक चिकित्सकों का आंदोलन जारी रहेगा।

आपात सेवाएं बाहर

आईएमए ने कहा कि ओपीडी सहित गैर आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं सोमवार सुबह छह बजे से लेकर मंगलवार सुबह छह बजे तक बंद रहेगी। हालांकि, आपातकालीन और आकस्मिक सेवाओं को हड़ताल से बाहर रखा गया है।

शेखावाटी में अटके 600 ऑपरेशन
डॉक्टरों की हड़ताल के कारण शेखावाटी में करीब 600 ऑपरेशन अटक गए। मरीजों को सरकारी व निजी अस्पताल में उपचार नहीं मिलने से भटकना पड़ रहा है। हालांकि आपातकालीन स्थिति में मरीजों का उपचार किया जा रहा है।

क्या है मामला
दरअसल, नील रतन सरकार में इलाज के दौरान एक व्यक्ति की मौत हो गई। जिसके बाद गुस्साए परिजनों ने उन सभी डॉक्टरों से बदसलूकी की और उनके साथ गाली गलौज की। इसके बाद बौखलाए सभी डॉक्टरों ने कहा कि, जब तक मृतक के परिजन हमसे माफी नहीं मांगेंगे तब तक हमारा हड़ताल ऐसे ही जारी रहेगा और हम परिजनों को प्रमाण पत्र नहीं देंगे।

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