script

भामाशाहों ने समझा दायित्व, प्रबंधन भूला

locationसीकरPublished: Jan 17, 2020 05:06:58 pm

भामाशाहों ने लगा दी प्याऊ लेकिन प्रबंधन नहीं कर पा रहा देखरेख- कहीं आरओ खराब तो कहीं टंकी की सफाई भी नहीं

,,

भामाशाहों ने समझा दायित्व, प्रबंधन भूला,भामाशाहों ने समझा दायित्व, प्रबंधन भूला,भामाशाहों ने समझा दायित्व, प्रबंधन भूला

सीकर. मरीजों का दुर्भाग्य कहें या प्रबंधन की अनदेखी। इसकी बानगी चार जिलों के सबसे बड़े सरकारी कल्याण अस्पताल में देखने को मिल रही है। हाल यह है कि मरीजों को पानी मिल सके इसके लिए भामाशाहों ने आगे आकर कहीं स्थाई तो कहीं अस्थाई प्याऊ लगा दी है लेकिन अस्पताल प्रबंधन इस मूलभूत सुविधाओं का रखरखाव तक नहीं कर पा रहा है। नतीजन अस्पताल में भर्ती मरीजों के परिजनों को बाहर से पेयजल लाना पड़ता है। आश्चर्य की बात की छत पर रखी पानी की टंकियों की नियमित रूप से सफाई तक नहीं की जा रही है। एेसे में अस्पताल में बनी प्याऊ में आने वाली पानी गुणवत्ता को लेकर परिजनों के मन में हर समय संशय बना रहता है।
फ्लोराइड वाला पानी पी रहे मरीज

कल्याण अस्पताल में मुख्य गेट के पास बने पार्क की प्याऊ में पानी नहीं है। अंदर के गार्डन में पानी की एक स्थाई और दो अस्थाई प्याऊ बनी हुई दो वाटर कूलर है लेकिन अनदेखी के कारण इनमें पानी नसीब नहीं हो रहा। वाटर कूलर में पानी के कनेक्शन तक नहीं है। मरीजों और उनके परिजनों को पीने के लिए आरओ का पानी भी नहीं मिल सकता क्योंकि अस्पताल में किसी भी टंकी पर आरओ नहीं लगा है । छत पर रखी टंकी भी बदहाल है। लोग फ्लोराइड वाला पानी पीने को मजबूर है। अस्पताल में पूर्व में फीमेल आर्थोपेडिक वार्ड में भर्ती मरीजों का इन्फेक्शन दूर होने में चिकित्सकों ने पानी की जांच करवाई तो उस समय प्याऊ के एक मटके में इकोलाइ बैक्टिरिया मिला है।

ट्रेंडिंग वीडियो