पर्दे के पीछे रहकर गुर्गों से अपराध करवाने वालों की भी होगी पहचान
सामाजिक सद्भाव बनाए रखने के लिए पिछले माह शुरू किए गए ‘ऑपरेशन शिकंजाÓ के बाद वांछित अपराधियों और समाजकंटकों के खिलाफ पुलिस का यह नया अभियान है। जो 20 मई से प्रदेश भर में शुरू किया गया है। अभियान को लेकर डीजीपी की ओर से जारी आदेश में बताया गया है कि अपराधी का आमजन में खुला घूमना समाज में भय पैदा करता है। अभियान के दौरान पूर्व में चिह्नित और रेकॉर्ड आधारित अपराधियों के साथ ऐसे संदिग्धों की पहचान कर सूचना एकत्र की जाए जो स्वयं पर्दे के पीछे रहकर अपने गुर्गों के माध्यम से आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देते हैं।
इन अपराधियों के बनेंगे डोजीयर
-सभी स्थाई वारंटी
-उद्घोषित अपराधी
-मफरूर (299 सीआरपीसी)
-पैरोल से फरार अपराधी
-सभी हिस्ट्रीशीटर
-टॉप-10 योजना में चिह्नित अपराधी
-ईनामी अपराधी
-संगठित अपराधों में सक्रिय एसओजी से चिह्नित हार्डकोर
-हथियार तस्करी में लिप्त अपराधी
-अवैध मादक पदार्थ तस्करी में लिप्त अपराधी
-सांप्रदायिक सद्भाव पर खतरा बनने वाले अपराधी
पुलिस रेकॉर्ड के साथ सूचना भी बनेगा आधार
अभियान में अपराधी का आधार केवल पुलिस रेकॉर्ड ही नहीं होगा। पुलिस सूचना के आधार पर भी उसे अपराधी मानकर जानकारी एकत्र कर सकेगी। इन सूचियों को पहले थाना स्तर पर तैयार किया जाएगा। इसके बाद डीवाईएसपी इन्हें संकलित कर पुलिस अधीक्षक से चर्चा कर अंतिम रूप देंगे। बाद में रेंज स्तर पर इनके खिलाफ कार्रवाई की कार्ययोजना तैयार की जाएगी।
जघन्य और सामान्य अपराध का होगा वर्गीकरण
सूची को जघन्य और सामान्य अपराधी में बांटा जाएगा। हत्या, हत्या का प्रयास, दहेज हत्या, बलात्कार, पोक्सो एक्ट, डकैती, लूट, 25 लाख रुपए से अधिक की नकबजनी, राज्यकर्मी पर हमला, सरकारी संपत्ति को नुकसान, दंगा, साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाडऩे वाली घटनाओं में शामिल, शराब व मादक पदार्थ तस्करी तथा ब्लैकमेलिंग को जघन्य अपराध में शामिल किया गया है। अन्य अपराध सामान्य माने जाएंगे।
डोजीयर बनेगा नई हिस्ट्रीशीट खोलने का आधार
अपराधियों के डोजीयर के आधार पर प्रत्येक थाना स्तर पर नई हिस्ट्रीशीट खोली जाएगी। अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए इनाम की राशि भी डोजीयर के आधार पर निर्धांरित होगी। फरारी के दौरान उसके छिपने के स्थान, सहयोग करने वाले लोगों की जानकारी और दूसरे अपराधियों के सम्पर्क की जानकारी भी डोजीयर में शामिल होगी।
इनका कहना है….
पहले पुलिस जिले के टॉप-25 अपराधियों के डोजीयर बनाती थी, लेकिन अब प्रत्येक अपराधी का डोजीयर बनाना शुरू कर दिया गया है। थाना स्तर पर आदेश जारी कर दिए हैं। डोजीयर में अब तक अपराधी के रिश्तेदारों की संपत्ति की जानकारी नहीं होती थी, लेकिन अब उसकी पत्नी व रिश्तेदारों के संपत्ति की भी जानकारी होगी। जिले के ऐसे अपराधी जो दूसरे जिलों में अपराध करते हैं, उनके भी संबंधित थाना क्षेत्रों में डोजीयर बनाए जाएंगे। इसे डिजिटल फॉर्मेट में भी तैयार किया जा रहा है।
कुंवर राष्ट्रदीप
पुलिस अधीक्षक, सीकर