ठगी का शिकार युवक बना 'ड्रीम गर्ल', चार साल में कमा लिए दो करोड़ रुपए
खुद ठगी का शिकार हुआ युवक खुद ठग बन गया। उसने युवतियों के नाम का सहारा लिया और सोशल मीडिया पर उनके नाम से फर्जी आईडी बनाकर लोगों को ठगना शुरु कर दिया।

सीकर. खुद ठगी का शिकार हुआ युवक खुद ठग बन गया। उसने युवतियों के नाम का सहारा लिया और सोशल मीडिया पर उनके नाम से फर्जी आईडी बनाकर लोगों को ठगना शुरु कर दिया। बेरोजगारों को सरकारी नौकरी का झांसा देकर उसने चार साल में ही दो करोड़ रुपए ठग लिए। मास्टरमाइंड को पुलिस ने एमपी के ग्वालियर से गिरफ्तार किया है।
यूं पकड़ा गया शातिर
उद्योगनगर थानाधिकारी पवनकुमार चौबे ने बताया कि आशीष शर्मा उर्फ आशू पुत्र शिवसेवक निवासी अटैर भिंड मध्यप्रदेश के ग्वालियर से गिरफ्तार किया है। उन्होंने बताया कि 16 अगस्त को सीताराम पुत्र नेमीचंद निवासी दलतपुरा दांतारामगढ़ ने मामला दर्ज कराया था। उसने रेलवे में सहायक लोको पायलट के लिए आवेदन किया था। आवेदन करने के बाद उसके भाई महेश और उसमें मित्र सुभाष की पहचान फेसबुक पर ताशु चौधरी और योगेश इंद्र कुमार उर्फ आशीष शर्मा से हुई। उसने रेलवे में भर्ती करवाने का वादा किया। उसने नौकरी लगाने के लिए कई बार व्हाटसएप, फेसबुक पर संपर्क किया। फिर उसने रुपए देने के लिए कॉल किया। वह नौकरी दिलाने का विश्वास करने के लिए सीकर भी आया। सीकर में उसके भाई विनोद से मिला। तब उन्होंने बेरोजगारी होने के कारण उस पर विश्वास कर लिया। तब उन्होंने एक लाख रुपए उसके खाते में ट्रांसफर किए। इसके बाद नेफ्ट से दो बार 50-50 हजार रुपए दिए। फिर 40 हजार रुपए फोन पे के जरिए उसे दे दिए। उसने लगातार कई नंबरों से संपर्क किए। रुपए लेने के बाद उससे संपर्क नहीं हुआ। उसने रुपए भी नहीं लौटाए और नौकरी भी नहीं लगवाई। रिपोर्ट दर्ज होने के बाद एएसआई नरेशचंद्र ने जांच शुरू की। नंबरों की लोकेशन के हिसाब से मध्यप्रदेश में आरोपी का पता लगा। पुलिस ने साइबर टीम के सहयोग से आरोपी को ग्वालियर से पकड़ लिया।
रिश्तेदारों को आर्मी में अधिकारी होने का देता झांसा
आशीष शर्मा काफी शातिर है। उससे पूछताछ में कई खुलासे हुए है। पूछताछ में उसने बताया कि वह फेसबुक पर लड़कियों के नाम से फर्जी आईड़ी बना कर रखता है। इसके बाद युवकों से दोस्ती कर लेता है। युवकों को सरकारी नौकरी लगवाने का झांसा देता है। लोगों को विश्वास में लेने के लिए वह चाचा, ताउ, पिता व अन्य रिश्तेदारों को आर्मी में अधिकारी बताता था। अपनी पहुंच उच्च अधिकारियों से होने की बात कह कर झांसे में ले लेता है। सोशल मीडिय़ा पर ही रुपए के लेनदेन की बात कर लेता है।
रूतबा दिखाने के लिए आर्मी की वर्दी पहन कर जाता
आशीष अपने साथ आर्मी की वर्दी भी रखता है। सोशली मीडिया पर रुपयों के लेनदेन की बात हो जाने पर वह युवकों के घर भी पहुंच जाता है। वह लोगों को रूतबा दिखाने और विश्वास जमाने के लिए आर्मी की वर्दी पहन कर घर चला जाता है। इसके बाद वह आधे पैसे पहले और आधे रुपए नौकरी लगने की बात बोलकर विश्वास में ले लेता है। अधिकतर रुपए वह मौके पर ही ले लेता है। उसने काफी संख्या में लोगों को झांसे में लेकर ठगी की वारदात की है।
खुद के साथ हुई ठगी तो आया आइडिया
चार साल पहले आशीष के साथ आर्मी में भर्ती करवाने के नाम पर ठगी हो गई। ठग ने उससे दो लाख रुपए ले लिए। नौकरी नहीं लगी तो वह परेशान हो गया। तब उसे ठगी करने का आइडिया और उसने परिजनों को नौकरी लगने की बात कहीं। तब से वह लगातार लोगों से ठगी की वारदातें कर रहा है। ठगी के रुपयों से उसने गांव में 40 लाख रुपए का मकान बना लिया। वह परिजनों को हर महीने सैलरी के रूप में पैसे भी भेजता था।
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