सवाल: इंजीनियरिंग क्षेत्र छोडऩे का मानस कैसे बना।
जवाब: इंजीनियरिंग में बेहतर करने के बाद लगा कि प्रशासनिक सेवा में जाना चाहिए। इसके साथ ही एसएससी सीजेएल की तैयारी की। पहले साल की तैयारी में लग गया कि इसमें और अच्छा कर सकता हंू तो तैयारी को निरंतर जारी रखा। परिणाम अब सभी के सामने है।
सवाल: एसएसजी सीजेएल की परीक्षा का पैर्टन क्या रहता है।
जवाब: इसमें तीन चरणों में परीक्षा होती है। इसमें रीजनिंग, अंग्रेजी, हिन्दी सहित अन्य विषयों के प्रश्न पूछे जाते है।
सवाल: बिना कोचिंग के तैयारी का रोडमैप क्या रहा।
जवाब: बिना कोचिंग के भी सफलता हासिल की जा सकती है। आवश्यकता बस खुद पर आत्मविश्वास रखने की है। मैंने पर नियमित रुप से छह से नौ घंटे तक पढ़ाई की। खुद टेस्ट सीरिज के जरिए अपना आंकलन भी करता। जिस टॉपिक में उलझता उसका फिर से रिविजन करने जुट जाता।
सवाल: सफलता का श्रेय किसे देगे।
जवाब: मेरे माता-पिता के अलावा मामा रामकरण ढाका ने भी इस परीक्षा में तैयारी के लिए काफी प्रोत्साहित किया। जब भी थोड़ा आत्मविश्वास डगमगाता तो वह प्रेरक कहानियों के जरिए आत्मविश्वास बढ़ाते।
सवाल: तैयारी करने वाले युवाओं के लिए कोई संदेश।
जवाब: सबसे पहले अपने कॅरियर का लक्ष्य बनाए। इसके बाद अपनी पढ़ाई की कार्ययोजना परीक्षा की अवधि को देखकर बनाए। इसके बाद पूरे मन से जुट जाए और हमेशा एक ही सोच रखे कि मैं यह परीक्षा जरूर ब्रेक करुंगा। निश्चित तौर पर सफलता मिलेगी।