पहले इंजीनियरिंग की, बाद में बदली राह
दृष्टि चौधरी ने कक्षा दसवीं में 86 फीसदी व बारहवीं में 76 फीसदी अंक हासिल किए। इसके बाद अजमेर महिला इंजीनियरिंग कॉलेज से कम्पयूटर साइंस में बीटेक किया। इस दौरान उनको कई कंपनियों से प्लेसमेंट के तौर पर ऑफर मिले। लेकिन उन्होंने सरकारी सेवा में जाने का मना बना लिया। इसके बाद पूरे मनोयोग से एसएससी की तैयारी में जुट गई।
दस से बारह घंटे की पढ़ाई
एसएसजी सीजेएल की परीक्षा के जरिए सबसे पहले उन्होंने वर्ष 2020 की परीक्षा में बाजी मारी। इसके बाद भी सफलता के प्रति जुनून उनका कम नहीं हुआ। वह दुबारा इस परीक्षा में शामिल हुई। इस बार उन्होंने टॉप 1650 में जगह बनाई है। इसके दम पर दृष्टि को इंटेलीजेंस विभाग में नियुक्ति मिलना लगभग तय है। परिणाम की खुशी में आनंद नगर व चौधरी कॉलोनी में जश्न मनाया गया।