अब होगा फायदा तापमान बढऩे के साथ ही हरियाणा, पंजाब में फसलों की कटाई शुरू हो जाएगी और कटाई के दौरान वहां दूसरे राज्यों से हजारों श्रमिक जाते हैं। ऐसे में मीठा होने के कारण प्याज का बहुतायात में उपयोग होता है। साथ ही वहां प्याज का बुवाई क्षेत्र भी इस बार कम है। प्याज व्यापारी नेमीचंद दूजोद ने बताया कि गर्मी बढऩे के साथ ही जमीन में प्याज के कंद तेजी से बनने लगते हैं इसके साथ ही बाहर के व्यापारी प्याज की खरीद करने आने लगते हैं। अप्रेल माह तक प्याज के कट्टों की आवक रोजाना पचास हजार कट्टों तक पहुंच जाएगी। बारिश का भी प्याज के भावों पर असर पडऩे लगेगा।
इसबार एक माह कम चलेगा सीजन सीकर मंडी के थोक व्यापारी नेमीचंद सांई ने बताया कि जिले में इस बार अधिकांश किसानों ने अगेता प्याज बोया है। मंडी में प्याज की बिक्री का सीजन चार माह तक चलता है। रसीदपुरा, खूडी सांवलोदा धायलान क्षेत्र का प्याज सबसे पहले आता है। इस समय तक इस क्षेत्र का करीब 60 फीसदी प्याज खुद चुका है। यही कारण है कि रोजाना 30 से 40 ट्रक दूसरे राज्यों में बिक्री के लिए जा रहा है। इस कारण भाव में कमी आ रही है।