श्री अजीतनाथ व श्री चन्द्रप्रभु जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ एवं नवयुवक मंडल तथा अरिहंत भक्ति मंडल ने जयकारों के साथ स्वागत किया। महिलाओं ने सिर पर कलश धारण कर रखे थे। एक जैसी पोशाक में समाजजनों ने आचार्य संघ की पुलिस चौकी के समीप अगवानी की।
बैंड की स्वर लहरियों एवं गुरूजी अमारो अंतर्नाद अमने आपो आशीर्वाद के जयघारों के साथ शोभायात्रा निकली। शोभायात्रा के बस स्टेशन पहुंचते ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। श्रद्धालुओं ने गरबा रास खेला। आचार्य व साध्वी संघ का वंदन कर आशीर्वाद लिया। जगह-जगह स्वागत द्वार तथा बैनर लगाए गए।
भक्ति से सद्मार्ग प्राप्ति
श्री अजीतनाथ एवं श्री चन्द्रप्रभु जिनालय में सामूहिक चैत्यवंदन के बाद उन्हें अजितनाथ उपाश्रय लाया गया। यहां श्रद्धालुओं ने सामूहिक गुरुवंदना की। आचार्य ने मांगलिक श्रवण कराया। उपाश्रय में आचार्य ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि भक्ति के मार्ग पर चलते हुए सदमार्ग अपनाएं। जीवन में प्रभु भक्ति बिना जीवन दुश्वार है। गौरतलब है कि जिनालय का प्रतिष्ठा एवं पंचाह्निका महोत्सव 25 फरवरी से शुरू होगा।
श्री अजीतनाथ एवं श्री चन्द्रप्रभु जिनालय में सामूहिक चैत्यवंदन के बाद उन्हें अजितनाथ उपाश्रय लाया गया। यहां श्रद्धालुओं ने सामूहिक गुरुवंदना की। आचार्य ने मांगलिक श्रवण कराया। उपाश्रय में आचार्य ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि भक्ति के मार्ग पर चलते हुए सदमार्ग अपनाएं। जीवन में प्रभु भक्ति बिना जीवन दुश्वार है। गौरतलब है कि जिनालय का प्रतिष्ठा एवं पंचाह्निका महोत्सव 25 फरवरी से शुरू होगा।