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सरकार के इस फरमान से सरकारी स्कूलों के निशाने पर आया शिक्षा विभाग

locationसीकरPublished: Oct 21, 2019 05:45:47 pm

बालिका स्कूलों से पुरुष शिक्षकों को हटाने पर विवाद

सरकार के इस फरमान से सरकारी स्कूलों के निशाने पर आया शिक्षा विभाग

सरकार के इस फरमान से सरकारी स्कूलों के निशाने पर आया शिक्षा विभाग

दभाव पूर्ण और सरकारी शिक्षकों को बदनाम करने वाला बताया शिक्षक संगठनों ने सरकार का फै सला
सीकर. राजकीय बालिका स्कूलों से पुरुष शिक्षक हटाने के सरकारी फैसले के विरोध में शिक्षक संगठन उतर आए हैं। संगठनों ने सरकार का यह फैसला भेदभावपूर्ण और सरकारी शिक्षकों को बदनाम करने वाला बताया है। कहना है कि फैसला या तो निजी शिक्षण संस्थाओं पर भी लागू हो या इसे वापस लिया जाए। अब शिक्षक संगठनों ने ज्ञापन देकर विरोध की कड़ी को और मजबूत करने का निर्णय लिया हैं।
शिक्षक हो रहे राजनीति का शिकार
शिक्षक संगठनों का कहना है कि सरकारी स्कूलों में ऐसे ही कई शिक्षकों के खिलाफ छेड़छाड़ का मामले सामने आए हैं। लेकिन अधिकांश मामलों में शिक्षक राजनीति का शिकार हुए हैं। जब तक इन मामलों की स्पष्ट जांच रिपोर्ट नहीं आती हैं। कोई भी आरोप सिद्ध नहीं होता हैं। लेकिन जांच रिपोर्ट आने से पहले ही आरोप लगाकर शिक्षकों को बदनाम किया जा रहा हैं। शिक्षक संगठनों का यह भी कहना है कि अगर जांच में आरोप साबित होते है, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
प्रदेश के करीब ३४०० शिक्षकों पर गिरेगी गाज
स्कूल शिक्षा विभाग ने बालिका स्कूल में पढ़ाने वाले उन पुरुष शिक्षकों का डाटा कलेक्ट कराया है, जिनकी उम्र 50 वर्ष से कम है। प्रदेशभर की बालिका स्कूल में करीब 3400 पुरूष शिक्षक पढ़ा रहे हैं, जिनकी उम्र 50 वर्ष से कम है। ऐसे में सरकार भविष्य में इन स्कूलों में महिला शिक्षिकाओं की नियुक्ति का प्रयास कर रही है। प्रदेशभर में 65 हजार 215 सरकारी स्कूल है, जिनमें से करीब 1177 सैंकडरी सेटअप की बालिका स्कूल हैं। ऐसे में प्रशासन ने अब इन बालिका स्कूल में पढ़ाने वाले पुरुष शिक्षकों का डाटा जुटाया है।
शैक्षिक ढांचा मजबूत हो
शैक्षिक ढांचे को मजबूत करने में शिक्षकों की महत्ती भूमिका रही हैं। सरकार बेटा बेटी के भेदभाव को दूर करने की तर्ज पर पुरुष और महिला के भेदभाव को दूर कर शैक्षिक ढांचे को मजबूत करें।
उपेंद्र शर्मा प्रदेश, महामंत्री राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत)
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सरकार का फैसला सौदेबाजी का परिणाम
बालिका स्कूलों से 50 वर्ष से कम आयु के शिक्षकों का हटाने का निर्णय सरकार द्वारा निजी क्षेत्र के साथ की गई सौदेबाजी का परिणाम है। बिना जॉच रिपोर्ट के शिक्षकों पर इस तरह के आरोप लगाने का संगठन घोर निंदा करता है।
विजय कुमार, जिलाध्यक्ष, राजस्थान शिक्षक संघ (राष्ट्रीय), सीकर
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बालिका स्कूलों मे हो महिला शिक्षकों की नियुक्ति
यदि किसी शिक्षक की शिकायत आती है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई कर उसे दंडित किया जाना चाहिए। महिला शिक्षकों को भी छात्र स्कूलों से हटाकर महिला स्कूलों में नियुक्ति देनी चाहिए।
मोहन गढ़वाल, जिलाध्यक्ष राजस्थान शिक्षक संघ (रेस्सा), सीकर
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दूसरों को सबक मिले
सरकार के एेसे निर्णय से सभी शिक्षकों के लिए आक्षेप लगता हैं। जो एेसा काम करता उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। जिससे दूसरों को भी सबक मिले। लेकिन इस तरह शिक्षकों के पदों को बदनाम ना करे।
रामलाल खींचड़, जिलाध्यक्ष, राजस्थान शिक्षक संघ (रेसला), सीकर
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