शिक्षक: तबादले से लेकर सेवा रिकॉर्ड पोर्टल पर ( online transfer of Teachers in Rajasthan )
प्रदेश के साढ़े तीन लाख से अधिक शिक्षकों को छोटे-छोटे कार्यो के लिए अलग-अलग कार्यालयों में चक्कर लगाने पड़ रहे थे। इस कारण शिक्षकों का समय व धन भी बर्बाद हो रहा था। पिछले दिनों कांग्रेस सरकार ने इंटीग्रेटेड शाला दपर्ण पोटल शुरू किया था। इस पोटर्ल पर शुक्रवार से पर स्टाफ कार्नर भी शुरू हो गया। इसके जरिए शिक्षक अपनी विभिन्न समस्या ऑनलाइन दर्ज करा सकेंगे। समस्याओं का समाधान भी घर बैठे हो सकेगा। खास बात यह है कि शिक्षकों को यह पता लग सकेगा कि उनकी शिकायत फिलहाल कौनेसे स्तर पर है। तबादले व सेवा रेकार्ड सहित अन्य सूचनाएं भी इस पोर्टल पर मिलेगी। इसके लिए शिक्षक खुद लॉगिन आईडी खुद बना सकते है।
निजी स्कूल: अटकी फाइलों को मिलेगी स्वीकृति
भूमि रूपान्तरण के फेर में उलझे निजी स्कूल संचालकों को भी शिक्षा राज्य मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने बड़ी सौगात दे दी है। कई स्कूलों की नई मान्यता व क्रमोन्नति की फाइल भूमि रूपान्तरण के कारण अटकी हुई थी। शिक्षा विभाग की बैठक में डोटासरा ने भूमि रूपान्तरण के मामले में शिथिलता दी है। अब पंजीकृत किराएनामे के स्थान पर नोटरी से प्रमाणित कराने पर भी स्वीकृति मिल सकेगी। इसके लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। कमेटी में स्कूल शिक्षा के विशिष्ट शासन सचिव, निदेशक माध्यमिक शिक्षा व निदेशक प्रांरभिक शिक्षा को सदस्य के तौर पर शामिल किया है। यह कमेटी सत्र 2020-2021 के शुरू होने से पहले राज्य सरकार को रिपोर्ट देगी। ऐसे में प्रदेश के निजी स्कूल संचालकों को इस कमेटी की रिपोर्ट से भी बड़ी राहत मिलने की उम्मीद जगी है।
सब के साथ होगा न्याय: डोटासरा
शिक्षा राज्य मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा का कहना है कि पिछली भाजपा सरकार ने उर्दु विषय के विद्यार्थियों के साथ भेदभाव करते हुए गलत जगह शिक्षकों को पदस्थापित कर दिया। शिक्षा विभाग के पास संसाधन होते हुए हमारे युवा पढ़ाई नहीं कर पा रहे थे, अब विद्यार्थियों को उर्दु शिक्षकों का फायदा मिलेगा। ऑनलाइन पोर्टल के जरिए शिक्षक अपनी समस्याओं का ऑनलाइन समाधान करा सकेंगे। निजी स्कूलों की बड़ी समस्या थी भूमि रूपान्तरण से जुड़े मामलों की। इसमें भी उनकी समस्या को देखते हुए पंजीकृत किराएनामे के स्थान पर नोटरी से प्रमाणित कराने पर भी स्वीकृति देने का निर्णय लिया है।