सीकरPublished: Jan 01, 2023 01:59:36 pm
Ajay Sharma
सीकर पत्रिका स्थापना दिवस विशेष
गीतों और भीतों की धरती शेखावाटी की असली ताकत शिक्षा है। बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम से लेकर इंजीनियरिंग और मेडिकल की प्रवेश परीक्षाओं के साथ प्रतियोगी परीक्षाओं में हमारे युवाओं की धाक है। मेहनत, समपर्ण और संघर्ष के दम पर सीकर को अब शिक्षानगरी का तमगा मिल चुका है। देश के 10 से अधिक राज्यों के विद्यार्थी अब यहां पढ़ाई करने के लिए आ रहे है। शिक्षा की काशी सीकर को अभी तरक्की की कई सीढिय़ां चढऩी है। इसके लिए सीकर की सभी शिक्षण संस्थाएं ब'चों की तरक्की के नए सपने भी बुन रही है। देश को सबसे Óयादा सैनिक देने वाली धोरों की धरती का स्वाभिमान भी सेना है। जब भी देश पर कोई संकट आया तो धोरों के बेटों ने अपने प्राणों की आहुति देकर देश की सरहदों की रक्षा की है। अब तो हमारी बेटियां भी बॉर्डर पर जाने लगी है। धोरों में भले ही पानी का संकट हो। लेकिन हमारे किसानों का जÓजा किसी से कम नहीं है। नवाचारों के दम पर किसानों ने धान से पूरी झोली भर दी है। प्रवासी शेखावाटी के माथे का तिलक है। क्योंकि देश के बड़े उद्योगपतियों में शेखावाटी के सेठ-साहुकारों का नाम शामिल है। राजस्थान पत्रिका के स्थापना दिवस के मौके पर पत्रिका संवाददाता अजय शर्मा की खास रिपोर्ट।