आपके सवाल और शिक्षा मंत्री के जवाब
सवाल: यदि कोई विद्यार्थी इस पैर्टन से संतुष्ट नहीं है तो क्या विकल्प।
शिक्षा मंत्री: विद्यार्थियों के लिए दूसरा विकल्प खुला हुआ है। ऐसे विद्यार्थियों का ऑनलाइन पंजीयन कराया जाएगा। गृह विभाग और चिकित्सा विभाग की गाइडलाइन के हिसाब से इनकी परीक्षाएं कराई जाएगी। ऐसे विद्यार्थियों की अंकतालिका एक बार ही जारी होगी। इस परीक्षा के परिणाम को ऐसे विद्यार्थियों के लिए अंतिम माना जाएगा।
सवाल: जिन स्कूलों में अभी तक प्रायोगिक परीक्षा नहीं हुई है उनका परिणाम कैसे जारी होगा।
शिक्षा मंत्री: ज्यादातर स्कूलों में प्रायोगिक परीक्षाएं दूसरी लहर से पहले ही हो चुकी है। कई स्कूलों के अंक भी जारी हो चुके है। जिन स्कूलों में नहीं हुई है वहां प्रायोगिक परीक्षाएं कराई जाएगी।
सवाल: यदि किसी विद्यार्थी ने अंक सुधार या पूरक परीक्षा के हिसाब से आवेदन किया था उनके लिए क्या व्यवस्था रहेगी।
शिक्षा मंत्री: ऐसे विद्यार्थियों के लिए स्वयंपाठी विद्यार्थियों के साथ परीक्षा कराई जाएगी।
सवाल: परिणाम कब तक जारी होने की उम्मीद है।
शिक्षामंत्री: परिणाम जारी करने के लिए एक कलैण्डर बनाया है। स्कूलों की ओर से अंक निर्धारण से लेकर ऑनलाइन मॉड्यूल पर अंक अपडेट करने का समय दिया गया है। ऐसे में परिणाम 45 दिन में जारी होने की पूरी संभावना है।
सवाल: आठवीं व दसवीं के अंकों का वैटेज कैसे निकलेगा।
शिक्षा मंत्री: पुराने परिणाम में अच्छे अंक वाले तीन विषयों के अंकों के आधार पर प्रतिशत निकाला जाएगा।
आप खुद बना सकते है ऐसी अपनी अंकतालिका
कक्षा दसवीं के विद्यार्थी:
आठवीं: 45 प्रतिशत
9 वीं: 25 प्रतिशत
सत्रांक: 20 प्रतिशत
स्कूल कमेटी: 10 प्रतिशत
कक्षा बारहवीं के विद्यार्थी:
दसवीं: 40 फीसदी
11 वीं: 20 फीसदी
सत्रांक: 20 फीसदी
स्कूल कमेटी: 20 फीसदी
आठवीं व दसवीं के अंकों के आधार पर निकलेगा प्रतिशत
कक्षा बाहरवीं में दसवीं के अंकों का 40 फीसदी वैटेज मिलेगा। जबकि दसवीं में आठवीं के अंकों को 45 फीसदी वैटेज मिलेगा। इसके लिए आठवीं के उन तीन विषयों के माक्र्स जोड़े जाएंगे, जिसमें सर्वाधिक अंक विद्यार्थी ने हासिल किए है। उदाहरण के रूप में किसी विद्यार्थी ने हिन्दी, अंग्रेजी और विज्ञान में सर्वाधिक 75, 80 और 88 अंक हासिल किए हैं तो इन तीनों अंकों को जोड़ेंगे जो 243 आ रहे हैं। इस संख्या को तीन से डिवाइड करेंगे तो 81 अंक आए। अब इस 81 का 45 प्रतिशत निकालकर नंबर जोड़ेंगे। यह नंबर ही उसे सभी विषयों में मिलेंगे। फिर सेशनल व सब्जेक्ट कमेटी के नंबर सभी विषयों में जुड़ेंगे। विषय कमेटी में प्रिंसिपल, क्लासटीचर और विषय पढ़ाने वाले टीचर शामिल रहेंगे।
पत्रिका सबसे आगे
पत्रिका ने सबसे पहले बुधवार के अंक में परिणाम 40 से 45 दिन में बनने की खबर विद्यार्थियों को बताई थी। इसके अलावा जैसा फॉर्मूला पत्रिका की ओर से समाचार पत्र में प्रकाशित किया लगभग वैसा ही फार्मूला शिक्षा मंत्री ने जारी किया है।