शिक्षकों में हो बच्चों के भविष्य की चिंता
शिक्षा राज्य मंत्री डोटासरा ने बाद में मीडिया से भी मामले में बात की। उन्होंने कहा कि बोर्ड परीक्षाओं के समय व्याख्याताओं का बच्चों को इस तरह छोड़कर आना सही कदम नहीं है। शिक्षकों से उम्मीद की जाती है कि वह बच्चों के भविष्य के बारे पहले सोचे। उन्होंने कहा कि शिक्षकों के लिए उनके दरवाजे हमेशा खुले हैं। लेकिन, उसका समय भी सही होना चाहिए।
संस्था प्रधानों को बांटे लैपटॉप
शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने शुक्रवार को अपने आवास पर जिले के क्रमोन्नत हुए 15 सरकारी विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को लैपटॉप भी बांटे। इस अवसर पर डोटासरा ने प्रदेश में क्वालिटी एजुकेशन को बढ़ावा दिए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि क्रमोन्नत सरकारी स्कूलों में ऑनलाइन कार्य व पढ़ाई हो सके इसके लिए आईसीटी लैब व लैपटॉप उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा में नवाचार की वजह से सरकारी विद्यालयों में नामांकन बढऩे के साथ प्रदेश क्वालिटी एजुकेशन में दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। इस दौरान एडीपीसी रिछपाल मील, एपीसी विक्रम सिंह, पीओ बबलेश धींवा तथा कई संस्थान प्रधान उपस्थित रहे।