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VIDEO: घरों में मास्क पहनकर हुई ईद की नमाज, मोबाइल पर मुबारकबाद

locationसीकरPublished: May 14, 2021 11:29:46 am

Submitted by:

Sachin

सीकर में ईद उल फितर का पर्व आज इबादत व अकीदत से मनाया जा रहा है। कोरोना महामारी की वजह से ईदगाह सहित सभी मस्जिदों में चुनिदंा लोगों की मौजूदगी में ही मुख्य नमाज हुई।

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सीकर में ईद उल फितर का पर्व आज इबादत व अकीदत से मनाया जा रहा है। कोरोना महामारी की वजह से ईदगाह सहित सभी मस्जिदों में चुनिदंा लोगों की मौजूदगी में ही मुख्य नमाज हुई। ज्यादातर लोगों ने घरों में ही खुदा की इबादत में सजदा कर देश व दुनिया में कोरोना के खात्मे तथा अमन-चैन व भाईचारे की दुआ की। मुख्य नमाज के बाद ईद की मुबारकबाद का दौर शुरू हुआ। जो अब भी लगातार जारी है। लॉकडाउन की वजह से मुबारकबाद भी मोबाइल पर ही दी जा रही है। मुस्लिम घरों में इस दौरान मीठी सेवइयों व खीर सहित तरह तरह के पकवान बनाए गए हैं।

मास्क व सोशल डिस्टेंसिंग से नमाज
घरों में नमाज अदा करने के दौरान भी कई घरों में कोरोना गाइडलाइन की पूरी पालना की गई। यहां लोगों ने मास्क लगाकर सोशल डिस्टेंसिंग में रहते हुए नमाज पढ़ी। सेनिटाइजेशन का भी पूरा ख्याल रखा गया।

जनप्रतिनिधियों ने दी बधाई
ईद उल फिर पर्व पर जनप्रतिनिधियों ने भी सोशल मीडिया के जरिये ही प्रदेशवासियों को बधाई दी है। शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा, सीकर विधायक राजेन्द्र पारीक तथा नगर परिषद सभापति जीवण खां सहित कई जनप्रतिनिधियों ने फेसबुक व ट्विटर पर ईद की मुबारकबाद देते हुए कोरेाना के जल्द खात्मे व सबके सेहतमंद होने की कामना प्रेषित की है।

शाम से शुरू हो गया मुबारकबाद का दौर
इससे पहले ईद की मुबारकबाद का दौर गुरुवार शाम से ही शुरू हो गया। शाम को रोजा खोलकर लोग चांद देखने के लिए छतों पर चढ़ गए। जैसे ही ईद का चांद नजर आया लोगों ने एक दूसरे को मुबारकबाद दी। इसके बाद फोन व सोशल मीडिया पर मुबारकबाद का सिलसिला शुरू हो गया जो देर रात तक जारी रहा।

क्या है ईद का महत्व
ईद का शाब्दिक अर्थ खुशी होता है। इस दिन लोग घरों में खीर, सैंवइयां व अन्य मीठे पकवान बनाते हैं, इसलिए मीठी भी ईद कहा जाता है। ईद उल फितर माहे रमजान के पूरे रोजे रखने और पूरे महीने अल्लाह की इबादत करने के बाद मनाई जाती है। इसलिए इसे रोजेदारों को इनाम और (प्रतिफल) का दिन भी कहा जाता है। इस दिन दो रकाअत नमाज अदा करके दुआ मांगी जाती है। नमाज से पहले अदा करें दानईद उल फितर समानता और मुहब्बत का त्योहार है। ईद के मौके पर हर आदमी- औरत को फितरा (दान) देना अनिवार्य है, जिससे हर आदमी अपनी ईद मना सके। इसलिए इसे ईद उल फितर कहा गया है। हदीसों में आता है कि ईद की नमाज से पहले फितरा देना फर्ज है। इसे गरीबों का हक बताया गया है।

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