सरकार के आदेश से बढ़ती गई चोरी
1. चुनाव में विजिलेंस जांच नहीं
प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा सरकार ने गुपचुप तरीके से वीसीआर भरने पर अघोषित रोक सी लगा दी। अभियंताओं ने भी चोरी रोकने के बजाय समझाईश करने पर फोकस करना शुरू कर दिया। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होते ही कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए विजिलेंस चैकिंग पर फोकस नहीं किया।
2. बिजली कटौती पर रोक
पिछले साल से प्रदेश में चुनावी माहौल है। ऐसें में बिजली की घोषित व अघोषित कटौती पर भी रोक लगा दी गई। इस कारण उपभोक्ताओं को तो पूरी राहत मिली लेकिन बिजली चोरों ने इसका फायदा उठाया। इस कारण ज्यादा जिले के बिजली चोरी वाले क्षेत्रों में छीजत का आंकड़ा भी बढ़ा है।
3. मरम्मत अभियान पर रोक
सीकर की सभा में पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कांग्रेस सरकार को बिजली कटौती के मामले में जमकर घेरा थाा। सरकार ने तत्काल एक्शन लेते हुए सभी अभियंताओं को निर्देश दिए कि बहुत आवश्यक होने पर लाइनों व ट्रांसफार्मर की मरम्मत की जाए। जिलेभर में छीजत का आंकड़ा बढ़ा है।
व्यावसायिक संस्थानों पर नजर नहीं
विद्युत निगम की लापरवाही का कई व्यावसायिक संस्थानों ने इन सात महीनों में खूब फायदा उठाया। निगम सूत्रों की माने तो चोरी का ग्राफ इन संस्थाओं में ही ज्यादा बढ़ा है। अभियंताओं के चुनाव में ड्यूटी पर रहने के कारण वसूली अभियान में भी जिला काफी पिछड़ गया।
आंकड़ों का गणित
वर्तमान में छीजत: 15 से 17 फीसदी तक
सात महीने पहले छीजत: 10 से 12 फीसदी
पहले एक महीने में वीसीआर: 750 से अधिक
छह महीेने वीसीआर: 150
एक महीने में छीजत का आंकड़ा पांच फीसदी तक बढ़ा है। अभियंताओं की चुनावों में ड्यूटी थी, इस कारण विजिलेंस चैकिंग हो नहीं सकी। अब सभी अभियंताओं को सख्त निर्देश दिए है कि अपने-अपने क्षेत्रों में छीजत के आंकड़ों को तय मापदंडों के अनुसार करना होगा। -विद्याद्यर सिंह, अधीक्षण अभियंता, विद्युत निगम, सीकर