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ज्ञानार्थ प्रवेश द्वार से निकलेंगे होनहार

locationसीकरPublished: Mar 03, 2019 01:24:16 am

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Kailash

ज्ञानार्थ प्रवेश द्वार से निकलेंगे होनहार

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ज्ञानार्थ प्रवेश द्वार से निकलेंगे होनहार

ज्ञानार्थ प्रवेश द्वार से निकलेंगे होनहार
तीन भाइयों ने दान की लाखों की जमीन
मूंडरू. गांव की खेल प्रतिभाओं को आगे लाने व स्कूल की दशा सुधारने के लिए भामाशाह आगे आए हैं। फूटाला गांव के तीन भाइयों ने खेल मैदान के लिए लाखों की जमीन दान की है। उन्होंने राआउमावि में लाखों की लागत से मुख्य द्वार बनावाया है। पूर्व प्रधानाध्यापक कैलाशचंद्र यादव ने बताया कि स्कूल के गेट नहीं होने से लोहे की चैन लगाकर स्कूल बंद किया जाता था। भामाशाह घासीराम मंगावा, गोदाराम मंगावा तथा भगवान सहाय मंगावा ने दादा सुखाराम, दादी पारली, पिता गंगाबक्स व माता प्रभाती देवी की स्मृति में दो लाख की लागत से स्कूल का मुख्य द्वार बनवाया । शनिवार को स्कूल के मुख्यद्वार का लोकार्पण जालपाली के संत रामलखनदास महाराज ने प्राचार्य आची मीणा आदि की उपस्थिति में किया। एसडीएमसी अध्यक्ष जगदीश मंगावा ने बताया कि विद्यालय संसाधनों के अभाव में समस्याओं से जूझ रहा है। 12 वीं तक संचालित स्कूल में दो सौ बच्चों का नामांकन है। केवल पांच कक्षा कक्ष बच्चों के बैठने योग्य है। शारीरिक शिक्षक कमलेश ने बताया कि विद्यालय का पिछले वर्ष 98 प्रतिशत तथा उससे गत वर्ष बोर्ड का 100 फ ीसदी परीक्षा परिणाम रहा है। 2017 में छात्रा कोमल चौधरी ने बोर्ड परीक्षा में 95 प्रतिशत अंक प्राप्त कर जिला स्तरीय मेरिट प्राप्त की थी।
इससे पहले भामाशाह घासीराम मंगावा ने 2001 में विद्यालय में कक्ष का निर्माण कराया था। 18 साल से घासीराम हर वर्ष वार्षिक उत्सव के समय बच्चों के लिए भोजन की व्यवस्था करते है। वहीं बोर्ड परीक्षा में प्रथम व द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कार देकर सम्मानित करते है।
चेक बाउंस के एक आरोपी को जेल भेजा
श्रीमाधोपुर. एडीजे डॉ. मनोज सोनी ने चेक बाउंस के एक आरोपी की दो अपीलों को शनिवार को खारिज करते हुए आरोपी को जेल भेज दिया है। आरोपी शिवपाल सिंह निवासी ढाणी बलौदा तन ग्राम जयरामपुरा है। प्रकरण के अनुसार आरोपी को चेक बाउंस के दो मामले में निचली अदालत एसीजेएम प्रथम ने 15 अक्टूबर 2015 को दो वर्ष की जेल व 14 लाख रूपयों के अर्थ दंड से दंडित किया था। मामले में आरोपी ने एडीजे न्यायालय में इस निर्णय के खिलाफ अपील की थी जिसे इस न्यायालय ने शनिवार को खारिज करते हुए आरोपी को जेल भेज दिया। परिवादी रामजीलाल सैनी निवासी पृथ्वीपुरा ने आरोपी के खिलाफ निचली अदालत में परिवाद प्रस्तुत किया था कि आरोपी शिवपाल सिंह ने जयपुर में स्थित छह सौ वर्गगज के भूखंड को अपना बताकर 11 लाख रूपए कीमत तय करके जनवरी 2007 में परिवादी को मौखिक रूप से बेचान किया जिसकी एवज में परिवादी ने आरोपी को 16 फ रवरी 2007 से 4 नवबंर 2007 तक कुल 10 लाख 5 हजार रूपयों का भुगतान कर दिया तथा शेष राशि लेकर रजिस्ट्री कराने को कहा तो उसने भूखंड की कीमत 15 लाख रूपए बताई। इस पर परिवादी ने सौदा निरस्त कर अपनी दी गई राशि वापस मांगी। इस राशि के एवज में आरोपी ने परिवादी को अलग-अलग तिथि के तीन चेक क्रमश: 3 लाख, 2 लाख व 2 लाख रूपए राशि के दे दिए। परिवादी ने नियत तिथि पर भुगतान के लिए बैंक में चेक प्रस्तुत किए जो बाउंस हो गए। इस पर परिवादी ने आरोपी को विधिक नोटिस दिए। इस पर भी भुगतान नही होने पर तीनों चेक बाउंस के दो अलग-अलग परिवाद कोर्ट में दायर किए। एसीजेएम क्रम संख्या एक न्यायालय ने दो चेको की राशि 5 लाख के लिए दो वर्ष का कारावास व दस लाख रूपए के अर्थदंड से दंडित किया तथा इसी तरह एक चेक की राशि दो लाख के लिए दो वर्ष का कारावास व चार लाख रूपए के अर्थदंड से दंडित किया था। आरोपी ने दोनो प्रकरणों की अपील एडीजे न्यायालय में की, जिसे एडीजे न्यायालय ने निचली अदालत के फैसले की पुष्टि करते हुए अपील खारिज कर आरोपी को जेल भेज दिया। परिवादी की ओर से पैरवी एडवोकेट रामावतार
सैनी प्रथम ने की।

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