scriptपेट्रोल में इथेनॉल बना विवाद की जड़, 15 दिन में दो एफआईआर | Ethanol in petrol becomes the root of the controversy, two FIRs in 15 | Patrika News

पेट्रोल में इथेनॉल बना विवाद की जड़, 15 दिन में दो एफआईआर

locationसीकरPublished: May 17, 2019 10:30:52 pm

Submitted by:

Puran

कंपनी मिला रही इथेनॉल, टंकी से पेट्रोल की बजाए निकल रहा पानी
आए दिन हो रहे विवाद, हर रोज कई लोग परेशान

sikar

पेट्रोल में इथेनॉल बना विवाद की जड़, 15 दिन में दो एफआईआर

सीकर. पेट्रोल में इथेनॉल मिक्स करने का नवाचार सीकर जिले में आम लोगों पर भारी पड़ता जा रहा है। पेट्रोल भरवाने के बाद वाहनों के बंद होने की शिकायतें बढ़ती जा रही है। पेट्रोल पम्प पर आए दिन विवाद के मामले बढ़ते जा रहे हैं। हाल यह है कि सीकर जिले में महज एक माह में इस प्रकार के मामले में दो एफआईआर भी दर्ज हो चुकी है। परेशानी इस बात कि है कि पेट्रोल में पानी की मिलावट है या नहीं इसकी जांच के लिए न तो पेट्रोल पंप संचालक और न ही स्थानीय प्रशासन के पास कोई व्यवस्था है। नतीजन सीकर जिले में हर रोज सैंकडों वाहन चालक इस समस्या से रूबरू हो रहे हैं। गौरतलब है कि सीकर जिले में 162 पेट्रोल पंप पर रोजाना 60 लाख लीटर पेट्रोल की खपत हो रही है।
यह है कारण

पेट्रोलियम कम्पनियों ने पिछले तीन माह से पेट्रोल में दस प्रतिशत इथेनॉल मिक्स करके भेजना शुरू कर दिया। इथेनॉल और पेट्रोल का मिश्रण नमी के संपर्क में आने पर अलग-अगल हो जाता है। इस कारण इंजन में स्पार्र्किंग नहीं हो पाती है और वाहन स्टार्ट नहीं हो पाता है। पेट्रोल पंप संचालकों का तर्क है कि पेट्रोलियम कंपनियों ने गन्ने से तैयार इथेनॉल को पेट्रोल में मिक्स करना शुरू कर दिया। शुरूआती दौर में इथेनॉल युक्त पेट्रोल कभी-कभी भेजा जाता था। अब इसे अनिवार्य कर दिया गया। इसके अलावा गर्मी के मौसम में वाहन के टैंक में नमी बढ़ जाती है। इस कारण बूंद बनने पर पेट्रोल और इथेनॉल अलग-अलग हो जाता है।
प्रदूषण में कमी लाने के लिए किया मिक्स

पेट्रोलियम कंपनियों के अनुसार इथेनॉल के कारण वाहन के धुएं में कार्बन की मात्रा दस प्रतिशत तक कम हो जाती है। वहीं गन्ना उत्पाद होने से गन्ना उत्पादकों को फायदा होगा। साथ ही पेट्रोल आयात करने में खर्च हो रही विदेशी मुद्रा की बचत भी होगी। इस देखते हुए पेट्रोल में दस प्रतिशत इथेनॉल मिक्स करने का फैसला किया है। जब यह इथेनॉल युक्त पेट्रोल वाहनों की धुलाई या बारिश के कारण पानी के संपर्क में आता है तो पानी की बहुत कम मात्रा भी पेट्रोल में मौजूद इथेनॉल को अलग कर देती है। जिससे मिश्रण पर एक परत बन जाती है। इस कारण रोजाना वाहन चालक शोरूम के साथ गैरेज पर वाहन सुधरवाने पहुंच रहे हैं।
पंप पर लगाए बोर्ड

पेट्रोल में इथेनॉल के कारण ग्राहकों को परेशानी होती है। ग्राहक को लगता है कि पेट्रोल खराब दिया जा रहा है। लोगों को जागरुक करने के लिए पेट्रोल पंपों पर सूचना लगाई है कि डिपो से ही दस फीसदी इथेनॉल मिला पेट्रोल सप्लाई किया जा रहा है। इथेनॉल पानी में घुलनशील है और फ्यूल टैंक में पहले से मौजूद पानी परेशानी कर सकता है। ऐसे में ग्राहक सतर्क रहे और समय-समय पर वाहन का पेट्रोल टैंक साफ करवाते रहे ताकि दिक्कत ना हो।
बारिश में बढ़ेगी परेशानी

बारिश में इथेनॉल युक्त पेट्रोल होने से पानी की समस्या बढेगी। वजह वाहनों के पेट्रोल टैंक में एयर का ***** होता है। कीचड़ देखते हुए वाहन को धुलवाने या बारिश में खड़ा होने से पर इसमें पानी घुसता है। इससे वाहन बंद हो जाता है। इसके अलावा पेट्रोल टैंक की रबर रिंग भी ढीली होने से परेशानी बढ़ जाएगी।
इनका कहना है

पेट्रोल में मौजूद इथेनॉल नमी के संपर्क में आते ही परेशानी कर देता है। वाहन चालकों को समय-समय पर अपने फ्यूल टैंक को साफ करवाना चाहिए। जिससे परेशानी से बचा जा सके।
– अरूण फागलवा, सचिव, सीकर पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन

फैक्ट फाइल

जिले में निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के पेट्रोल पंप- 162

– रोजाना आपूर्ति- 60 लाख लीटर

– रोजाना पेट्रोल भरवाने वाले वाहन- 48 से 50 हजार
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