अब तक यह खामी आई सामने, विभाग को लेना पड़ा यू-टर्न
1. पिता के नाम से जारी प्रमाण पत्र की बाध्यता खत्म
आवेदन करने वाली आर्थिक रूप से कमजोर तबके की महिला अभ्यर्थियों की बढ़ती शिकायतों के बाद विभाग को यूटर्न लेना पड़ा। पहले आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की विवाहित महिला आवेदक को पिता के नाम, निवास स्थान एवं आय के आधार पर जारी नवीनतम प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना था। पति के नाम व आय के आधार पर जारी प्रमाण पत्र मान्य नहीं था। महिला अभ्यर्थियों के दस्तावेजों में पति का नाम वह ससुराल का पता दर्ज होने के कारण प्रमाण पत्र बनवाने में काफी परेशानी आ रही थी। अब विभाग ने नियम बदल कर राहत दी है।
2. अलग-अलग कक्षाओं की प्रवेश तिथि, बाद में बदलाव
पहले अभ्यर्थियों से अलग-अलग स्कूलों में अध्ययनरत होने की स्थिति में प्रवेश तिथि ऑनलाइन मांगी जा रही थी। लेकिन इसका भी विरोध हुआ तो फिर बोर्ड, बीएड व विवि की कक्षाओं की प्रवेश तिथि ही मांगी गई। क्योंकि कई स्कूल ऐसे थे जो बंद ही हो गए।
3. विशेष शिक्षकों के सीआरआर नंबर
आवेदन फार्म में पहली बार विभाग की ओर से अभ्यर्थियों से सीआरआर नंबर मांगे जा रहे हैं, लेकिन इसमें पहला अक्षर अंग्रेजी का होता है। अब विभाग ने स्पष्ट किया कि अंग्रेजी वाले अक्षर को छोड़कर क्रमांक नंबर लिखा जा सकता है।
दूसरे राज्यों के सीटेट अभ्यर्थी कर रहे आवेदन
इस भर्ती में कई राज्यों के सीटेट पास अभ्यर्थियों की ओर से भी आवेदन किए जाने के मामले सामने आए हैं। इसके बाद खुद शिक्षा विभाग ने लिखित में आदेश भी जारी किए हैं। इसमें बताया कि रीट पास अभ्यर्थी ही तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में आवेदन कर सकते हैं। यदि सीटेट के आधार पर आवेदन किया जाता है तो उसका फार्म रद्द कर दिया जाएगा।