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पांच लाख विद्यार्थियों की उम्मीद नियमों में उलझी, कॉलेजों की मनमानी शुरू

locationसीकरPublished: Jul 07, 2020 10:14:39 am

Submitted by:

Sachin

विशेष शिक्षा से जुड़े शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों में दाखिला लेने के इच्छुक विद्यार्थियों की उम्मीद भारतीय पुनर्वास परिषद के नियमों में उलझ गई है।

पांच लाख विद्यार्थियों की उम्मीद नियमों में उलझी, कॉलेजों की मनमानी शुरू

पांच लाख विद्यार्थियों की उम्मीद नियमों में उलझी, कॉलेजों की मनमानी शुरू

सीकर. विशेष शिक्षा से जुड़े शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों में दाखिला लेने के इच्छुक विद्यार्थियों की उम्मीद भारतीय पुनर्वास परिषद के नियमों में उलझ गई है। परिषद ने मई में आदेश जारी कर जल्द प्रवेश का ऐलान किया था, लेकिन एक महीना गुजरने के बाद भी प्रवेश प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है। अमूमन परिषद की ओर से मार्च-अप्रेल में अखिल भारतीय प्रवेश प्रक्रिया का आयोजन हो जाता है, लेकिन इस साल छह जुलाई तक परिषद की ओर से कॉलेजों में दाखिले के लिए कोई प्रक्रिया निर्धारित नहीं की गई है। ऐसे में देश के कुछ कॉलेजों ने मनमर्जी से अपने स्तर पर दाखिला देना शुरू कर दिया है। यदि भविष्य में परिषद की ओर से प्रवेश परीक्षा के आधार पर दाखिले दिए जाते हैं तो कॉलेज संचालकों के झांसे में आकर प्रवेश लेने वालों की मुसीबत बढ़ सकती है।


फैक्ट फाइल
कितने विद्यार्थियों को परीक्षा का इंतजार: 5 लाख

देशभर में कॉलेज: 642
देशभर में सीट: 17110

राजस्थान में कॉलेज: 47
कितने तरह के पाठ्यक्रम: 11

एक कॉलेज में सीटें: 25 से 30

हर बार इस तरह होते हैं दाखिले
परिषद की अखिल भारतीय स्तर की परीक्षा के बाद परिणाम जारी किया जाता है। इस परिणाम के आधार पर विद्यार्थी देश के किसी भी विशेष शिक्षा महाविद्यालय में प्रवेश के लिए आवेदन कर सकता है। हर महाविद्यालय की अलग-अलग कट ऑफ जारी होती है।

642 कॉलेजों में विशेष शिक्षा के 11 पाठ्यक्रम

मानसिक विमंदित, नेत्रहीन, मूकबधिर सहित कुल 12 श्रेणी के दिव्यांग विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए केन्द्र सरकार की ओर से देशभर में 642 कॉलेज (शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय) संचालित हैं। इन कॉलेजों में फिलहाल 11 से अधिक पाठ्यक्रम उपलब्ध है। इन पाठ्यक्रमों को पूरा करने के बाद अभ्यर्थी परिषद में पंजीयन करा सकता है। इस पंजीयन के आधार पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय निजी व सरकारी स्कूल व कॉलेज में दिव्यांग बच्चों को पढ़ाने का अधिकार देता है।

देश में विशेष शिक्षकों की कमी
राजस्थान, यूपी, हरियाणा, मध्यप्रदेश, दिल्ली, छत्तीसगढ़, बिहार सहित अन्य राज्यों में आरटीई के नियमों के तहत लगातार विशेष शिक्षकों की भर्ती हो रही है। केन्द्रीय व नवोदय विद्यालयों में भी इन शिक्षकों के पद सृजित हुए हैं। देश में दिव्यांग बच्चों के आंकड़ों के अनुपात में फिलहाल शिक्षकों की कमी है।


एक्सपर्ट व्यू

कोरोना ने बिगाड़ा दाखिले का गणित
भारतीय पुनर्वास परिषद की ओर से लंबे अर्से से तय समय पर प्रवेश परीक्षा का आयोजन होता है, लेकिन इस बार कोरोना की वजह से दाखिले का पूरा गणित बिगड़ गया है। कॉलेजों में दाखिले के लिए परिषद के पास कई विकल्प हैं। परिषद चाहें तो बारहवीं के अंकों के आधार पर दाखिले की प्रक्रिया शुरू करा सकती है।

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