संगोष्ठी कार्यक्रम के दूसरे दिन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व विभागाध्यक्ष प्राणी विज्ञान राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर से डॉ. रीना माथुर, विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय उष्ट्र शोध संस्थान बीकानेर निदेशक डॉ. आरके सावल, सीआइएसटी आइआइएस विश्वविद्यालय जयपुर के निदेशक डॉ. वाइके विजय, गणित विभाग राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर प्रोफेसर एवं पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. आरएन जाट, अध्यक्ष प्राचार्य डॉ. केसी अग्रवाल एवं अतिथि के रूप में डॉ. शशाक, पुलीकोवा, देवेंद्र चाप मंचासीन रहे। प्राचार्य डॉ. केसी अग्रवाल व आयोजन समिति के पदाधिकारी डॉ. एसएस धायल, डॉ. विवेक सिंह महरिया, डॉ. प्रेणिता गुप्ता ने अतिथियों का आभार व्यक्त किया। संगोष्ठी के संयोजक डॉ. महासिंह ने संगोष्ठी की सफलता पर प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप में जिनका सहयोग रहा उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की। मंच का संचालन सह आचार्य हिंदी डॉ. रामदेव सिंह भामू, सह आचार्य भूगोल डॉ. जेडी सोनी ने किया।
-ऊंटों की नस्ल सुधार की बात डॉ. आरके सावल ने ऊंटों की नस्ल सुधार, संरक्षण एवं इस क्षेत्र में हो रहे अनुसंधान पर चर्चा करते हुए ऊंट के दूध की रोग-प्रतिरोधी क्षमता पर अपने विचार व्यक्त किए। डॉ. शशान ने मनुष्यों में फैलने वाली अनेक बीमारियों पशुओं, जंगली जीवों एवं पक्षियों से आती है। जो मानव जाति के लिए घातक सिद्ध हो रही हैं। इनके कारण एवं निवारण पर चर्चा करते हुए जैव विविधता संरक्षण पर बल दिया। डॉ. आरएन जाट ने गणित विषय के विविध संदभों पर चर्चा की।