scriptराजस्थान में एक और कंपनी ने दिया धोखा, पांच हजार परिवारों के एक हजार करोड़ फंसे | Fake company played with people's dreams in the name of investment | Patrika News

राजस्थान में एक और कंपनी ने दिया धोखा, पांच हजार परिवारों के एक हजार करोड़ फंसे

locationसीकरPublished: Jan 29, 2023 12:56:06 pm

Submitted by:

Ajay

रातों-रात कंपनी ने बंद कर दिया एप, कोई थाने तो कोई कंपनी के ऑफिस में लगा रहा चक्कर
पीडि़तों का आरोप: पांच हजार से अधिक परिवार आए पावर ग्रीन कंपनी के झांसे मेंसरकार की चूक: पहले भी कई कंपनी दे चुकी धोखा, फिर भी नहीं बना कोई सख्त कानूनकंपनी दो साल से सीकर में जमा रही थी पैर, पुलिस और प्रशासन के जिम्मेदारों ने नहीं दिया ध्यानकिसी को ट्यूर तो किसी को मुनाफे के नाम पर दिखाए सपनेसीकर जिले के लोगों के एक हजार करोड़ से अधिक राशि फंसे होने की संभावना

राजस्थान में एक और कंपनी ने दिया धोखा, पांच हजार परिवारों के एक हजार करोड़ फंसे

राजस्थान में एक और कंपनी ने दिया धोखा, पांच हजार परिवारों के एक हजार करोड़ फंसे

चंद महीनों में निवेश के जरिए मोटा मुनाफा देने का वादा करने वाली कंपनी के शटरडाउन किए जाने की कहानी शायद काफी पहले ही लिखी जा चुकी थी। तभी तो कंपनी ने अचानक अपने एप से भी निवेशकों का डेटा हटा दिया। निवेशकों का सीधा आरोप है कि इसका मतलब साफ था कि कंपनी ने भागने की प्लानिंग पहले ही कर ली थी। कोई अब थाने तो कोई अब कंपनी के दफ्तरों में चक्कर लगा रहे हैं। लेकिन निवेशकों के लिए कही से कोई राहतभरी खबर नहीं है। उद्योग नगर थाने में दो निवेशकों के मामला दर्ज कराने के बाद अब अन्य पीडि़तों के भी सामने आने की संभावना है। इस कंपनी में सीकर जिले के पांच हजार से अधिक लोगों ने निवेश किया था।इधर, कंपनी के प्रमुख प्रतिनिधियों के घर भी लोग पहुंचे है लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। गौरतलब है कि नेक्शा पावरग्रीन कंपनी के खिलाफ शुक्रवार को दो जनों ने ठगी की शिकायत उद्योग नगर थाने में दर्ज कराई थी। इधर, पुलिस ने पीडि़तों की शिकायत पर जांच शुरू कर दी है। इसमें आरोप लगाया कि कंपनी में निवेश के बाद अच्छा मुनाफा लेने के लालच में उन्होंने 42 लाख से अधिक का निवेश कर दिया था।
बड़ा सवाल: कंपनी नहीं भागी तो ऑफिस बंद क्यों, किसने किया डेटा डिलिट
कंपनी की ओर से कभी ऑडियो तो कभी वीडियो वायरल कर निवेशकों से धैर्य बनाए रखने की बात कही जा रही है। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि यदि कंपनी नहीं भागी तो अचानक ऑफिस कैसे बंद हो गए। कंपनी की ओर से कंपनी के एप से डेटा क्यों डिलिट किया गया है। उद्योग नगर थाना पुलिस को दी शिकायत में पीडि़तों ने बताया कि 22 जनवरी से कंपनी कार्यालय पर ताले लटके हुए है।
दो साल से चल रहा था खेल: पुलिस व प्रशासन को पता ही नहीं लगा
कंपनी की ओर से दो साल से निवेशकों को लुभाने के लिए तरह-तरह के वादे किए जा रहे थे। कई सरकारी अधिकारी व कर्मचारी भी इस सिस्टम का हिस्सा बन गए। लेकिन पुलिस व प्रशासन के जिम्मेदारों को इस कंपनी के बारे में पता ही नहीं लगा।
पीडि़तों से पैसे लिए लेकिन रसीद तक नहीं दी
पीडि़तों ने बताया कि कंपनी की ओर से नगद राशि पर कोई रसीद भी नहीं दी जाती थी। कंपनी में निवेश करने वालों से नगद पैसा लेकर एप में राशि जमा होने की पुष्टि होती थी। इसके बाद कंपनी के एप के जरिए ही निवेशकों को हर सप्ताह मिलने वाले कमीशन की जानकारी मिल जाती। लेकिन अब एप डिलिट होने की वजह से पुराना रेकार्ड भी चला गया।
और यह बोले, पुलिस अधिकारीजो भी पीडि़त है वह पुलिस को शिकायत दे सकते हैं। पुलिस पूरे मामले की निष्पक्षता से जांच कराएंगी। अभी तक इस मामले में दो लोग सामने आए थे। उनकी शिकायत पर एफआईआर दर्ज हो गई है।
कुंवर राष्ट्रदीप, पुलिस अधीक्षक, सीकर
किसी ने गहने गिरवी रखे तो किसी ने लोन लेकर किया निवेश

केस एक: अब बंद आ रहे कंपनी के फोन

उद्योग नगर थाने में मामला दर्ज कराने वाले सत्यवीर सिंह ने बताया कि उन्होंने कंपनी में निवेश के लिए बैंक से लोन लिया। उन्होंने बताया कि कंपनी में कई लोगों ने पर्सनल लोन व गोल्ड लोन लेकर निवेश किया। उन्होंने बताया कि पहले जिन नंबरों पर बातचीत होती थी वह नंबर अब लगातार बंद आ रहे है।
केस दो: शुरूआत में मुनाफा दिखाकर लिया झांसे में
कंपनी में निवेश करने वाले लोगों ने आरोप लगाया कि लगभग दो साल तक कंपनी की ओर से मुनाफा दिया जाता रहा। कई निवेशकों को ज्यादा सदस्य जोडऩे पर ट्यूर भी कराए गए। वहीं कई सदस्यों ने आरोप लगाया कि कंपनी की ओर से कई लोगों का विश्वास जीतने के लिए गुजरात के धोलेरा के प्रोजेक्ट की भी साइट विजिट कराई गई।
ढ़ीलपोल:
देश की कंपनी अब तक निवेशकों को धोखा दे चुकी हैं। हर बार सरकारों की ओर से भी इस तरह की कंपनी पर कार्रवाई के लिए खिलाफ सख्त कार्रवाई का दावा किया जाता है। लेकिन यह कंपनी सीकर जिले में दो साल से पैर जमा रखी थी। लेकिन किसी भी एजेन्सी ने ध्यान नहीं दिया। इस वजह से हजारों परिवारों की कमाई दावं पर लग गई। हालांकि अब पुलिस की ओर से निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया जा रहा है।
इधर, एक कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज
सदर थाने में शनिवार को एक और कंपनी के खिलाफ शिकायत दर्ज हुई है। थाने में नरेन्द्र धायल ने शिकायत दी कि पालवास चौराहे पर एक कंपनी का कार्यालय संचालित है। आरोप लगाया कि इस कंपनी की ओर से सौलर के नाम पर निवेश का सपना दिखाकर कई सब्जबाग दिखाए जा रहे हैं। उन्होंने इस कंपनी की जांच कराने की मांग की है। इससे पहले धायल की ओर से पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को इस मामले में शिकायत दी गई थी।
धोलेरा सिटी के नाम से ठगी, दो दंपत्ती के खिलाफ मुकदमा दर्ज
धोलेरा सिटी के नाम से ठगी का मामला सामने आया है। मामले में दो पीडि़तों ने उद्योग नगर थाने में मुकदमा दर्ज करवाया है। थानाधिकारी श्रीनिवास जांगिड़ ने बताया कि तारपुरा व हाल हाउसिंह बोर्ड निवासी सतवीर सिंह तथा नायकों का मौहल्ला नायकान निवासी सन्नी कुमार ने इस संबंध में रिपोर्ट दी है। जिसमें पनलावा निवासी रणवीर सिंह व पत्नी लक्ष्मी तथा कुदन दादिया निवासी बनवारी लाल व पत्नी गिरिजा के खिलाफ निवेश के नाम पर करीब 42 लाख रुपए की ठगी का आरोप लगाया है। मामले की जांच की जा रही है। गौरतलब है कि इससे पहले पीडि़त एसपी ऑफिस में शिकायत करने पहुंचे थे। इस पर एसपी कुंवर राष्ट्रदीप ने उन्हें उद्योग नगर थाने भेज रिपोर्ट दर्ज करवाने के निर्देश दिए। उद्योग नगर थानाधिकारी ने बताया कि मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पत्रिका पड़ताल: सीकर के पांच हजार से अधिक लोगों ने किया निवेश
पत्रिका ने इस मामले में पड़ताल की तो सामने आया कि सीकर जिले के पांच हजार से अधिक परिवारों ने इस कंपनी में निवेश कर रखा था। सूत्रों के अनुसार लक्ष्मणगढ़, धोद व पिपराली ब्लॉक के लोगों के सबसे ज्यादा निवेश की बात सामने आई है। लक्ष्मणगढ़ व पिपराली ब्लॉक के चार से पांच गांव तो ऐसे है जहां के 65 से 70 फीसदी ग्रामीणों ने इस कंपनी में निवेश किया था। पीडि़तों से बातचीत में बताया कि अकेले सीकर जिले के लोगों ने इस कंपनी में एक हजार करोड़ से अधिक का निवेश किया था।
ठगी का शक इसलिए: इस सप्ताह नहीं आया पैसा
कंपनी की ओर से ज्यादातर निवेशकों को हर सप्ताह मंगलवार को राशि दी जाती थी। लेकिन इस मंगलवार को लोगों के खातों में पैसा नहीं आया तो लोगों को ठगी का शक हुआ। कुछ निवेशक तो कंपनी के सीएमडी सहित अन्य के घर भी पहुंच गए। अब कंपनी की ओर से कई लोगों को तकनीकी खराबी की वजह से पैसा नहीं आने की बात कही जा रही है। लोगों ने बताया कि पिछले दो साल से कंपनी की ओर से लगातार पैसा दिया जा रहा था, इसलिए लोगों को विश्वास भी हो गया और निवेश करते गए।
गौरव सेनानी, शिक्षक, किसान व मजदूरों के फंसे है पैसे
कंपनी में सीकर जिले के सैकड़ों गौरव सेनानी, शिक्षक, किसान, व्यापारी व मजदूरों के काफी संख्या मे निवेश किया था। कंपनी की ओर से सीकर जिले में पिछले साल में कई सेमीनार की गई। इसके बाद लोगों में इस कंपनी के प्रति काफी क्रेज बढ़ा था।
फायदे का यह किया जाता दावा
पड़ताल में सामने आया कि यदि किसी व्यक्ति की ओर से 50 हजार रुपए का निवेश किया जाता तो उसको हर सप्ताह लगभग 1300 से 1400 रुपए दिए जाते थे। यदि वह व्यक्ति अपने नीचे सदस्य और बनाता तो प्रति सदस्य 200 रुपए और बढ़ जाते।
पीडि़तों का दर्द: किसी ने बेटी की शादी तो किसी ने बच्चों की पढ़ाई के लिए निवेश

केस एक: पूरा परिवार तनाव में है…
सीकर निवासी राजेन्द्र सिंह (बदला हुआ नाम) ने बताया कि बेटी की शादी अगले साल शादी करने वाले थे। सोचा कि कंपनी में निवेश पर अच्छा मुनाफा मिल रहा है इसलिए परिचित और मित्रों से पुराने पैसे लेकर निवेश कर दिया।। इस सप्ताह पैसा नहीं आया और अफवाहों से पूरा परिवार तनाव में है।
केस दो: उधार लेकर किया निवेश
सीकर निवासी अंकित (बदला हुआ नाम) ने बताया कि बेटी अगले साल बारहवीं पास कर लेती। इसलिए इस साल निवेश के जरिए मुनाफे की योजना बनाई। उन्होंने ब्याज पर पैसा लेकर कंपनी में लगभग एक लाख रुपए का निवेश किया। उन्होंने बताया कि यदि कंपनी ने पूरा पैसा वापस नहीं लौटाया तो ब्याज चुकाना भी मुश्किल हो जाएगा।
सोशल मीडिया पर ट्रेन्ड कर रहे मीम्स, कंपनी का दावा तकनीकी दिक्कत
सोशल मीडिया पर पिछले तीन दिनों से इस कंपनी को लेकर मीम्स वायरल हो रहे हैं। वहीं कंपनी की ओर से निवेशकों का गुस्सा शांत करने के लिए कई तरह के वीडियो भी अपलोड किए जा रहे हैं। कंपनी के कई पदाधिकारियों का कहना है कि तकनीकी दिक्कत की वजह से इस सप्ताह का पैसा ट्रांसफर नहीं हो सका है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो