scriptब्रांडेड कंपनी के पैकेट में पैक हो रहा था ईंट, नमक व पाउडर से बना नकली माल, कारखाना सीज | Fake goods were being packed in branded company's packets | Patrika News

ब्रांडेड कंपनी के पैकेट में पैक हो रहा था ईंट, नमक व पाउडर से बना नकली माल, कारखाना सीज

locationसीकरPublished: Jul 06, 2020 05:47:26 pm

Submitted by:

Sachin

(Fake goods were being packed in branded company’s packets) राजस्थान के सीकर जिले के अजीतगढ़ में नीमकाथाना सड़क मार्ग पर एक मकान में नकली खाद बीज व कीटनाशक दवाइयों को बनाने का कारखाना पकड़ा गया।

ब्रांडेड कंपनी के पैकेट में पैक हो रहा था ईंट, नमक व पाउडर से बना नकली माल, कारखाना सीज

ब्रांडेड कंपनी के पैकेट में पैक हो रहा था ईंट, नमक व पाउडर से बना नकली माल, कारखाना सीज

सीकर/ अजीतगढ. राजस्थान के सीकर जिले के अजीतगढ़ में नीमकाथाना सड़क मार्ग पर एक मकान में नकली खाद बीज व कीटनाशक दवाइयों को बनाने का कारखाना पकड़ा गया। कारखाने से कई बडी कंपनियों के रैपर मिले हैं। माल बनाने में ईंट, नमक व सफेद पाउडर का उपयोग किया जा रहा था। पुलिस व कृषि विभाग की टीम ने कारखाने को सील कर दिया है। थाना प्रभारी सवाई सिंह ने बताया कि शनिवार देर रात सूचना मिली की अजीतगढ कस्बे के नीमकाथाना सड़क मार्ग पर स्थित एक मकान में कई कंपनियों का खाद बीज एवं कीटनाशक दवाइयां बिना लाइसेंस बनाई जा रही है। पुलिस तुरंत मकान पर पहुंची। वहां पर कोई नहीं मिला। खाद एवं अन्य कंपनियों के कई रेपर पड़े मिले। पुलिस के चार जवानों को तैनात कर कृषि विभाग श्रीमाधोपुर को सूचना दी। रविवार दोपहर को कृषि विभाग की टीम पहुंची। सहायक निदेशक डॉ रामदयाल यादव व थानाधिकारी सवाई सिंह दोपहर को मकान पर पहुंचे। चेकिंग के दौरान मकान में खाद के कट्टे विभिन्न कंपनियां जैसे श्री राम, दयाल फर्टिलाइजर, नागार्जुन, पायरिया, यूनिटेक कंपनियों के रैपर एवं अन्य सामान मिला। जिन्हें जब्त कर लिया गया। इस दौरान कृषि अधिकारी पौध संरक्षण दुर्गा प्रसाद, कृषि अधिकारी फसल संगीता मीणा सहित पुलिस की टीम मौजूद रही। माल के सैंपल जांच के लिए जयपुर भेजे जायेंगे।

कई सालों से चल रहा धंधा
मकान में नकली खाद, बीज, कीटनाशक दवाइयां बनाने का काम काफी सालों से चल रहा है। थानाधिकारी सवाई सिंह ने बताया कि कारखाने में बिना लाइसेंस विभिन्न कंपनियों के खाद बीज, कीटनाशक दवा बनाने का कार्य किया जा रहा था। जहां से विभिन्न शहरों एवं ग्रामीण क्षेत्र में बेचा जा रहा था। इन्हें बनाने में ईट, नमक, सफेद पाउडर, बारीक डस्ट बजरी का प्रयोग किया जा रहा था। सहायक निदेशक डॉ रामदयाल यादव ने बताया कि मकान गौरव सोनी का है। किरायानामा में मात्र उमेश यादव का नाम लिखा है।

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