आशीष शर्मा काफी शातिर है। उससे पूछताछ में कई खुलासे हुए है। पूछताछ में उसने बताया कि वह फेसबुक पर लड़कियों के नाम से फर्जी आईड़ी बना कर रखता है। इसके बाद युवकों से दोस्ती कर लेता है। युवकों को सरकारी नौकरी लगवाने का झांसा देता है। लोगों को विश्वास में लेने के लिए वह चाचा, ताउ, पिता व अन्य रिश्तेदारों को आर्मी में अधिकारी बताता था। अपनी पहुंच उच्च अधिकारियों से होने की बात कह कर झांसे में ले लेता है। सोशल मीडिय़ा पर ही रुपए के लेनदेन की बात कर लेता है।
आशीष अपने साथ आर्मी की वर्दी भी रखता है। सोशली मीडिया पर रुपयों के लेनदेन की बात हो जाने पर वह युवकों के घर भी पहुंच जाता है। वह लोगों को रूतबा दिखाने और विश्वास जमाने के लिए आर्मी की वर्दी पहन कर घर चला जाता है। इसके बाद वह आधे पैसे पहले और आधे रुपए नौकरी लगने की बात बोलकर विश्वास में ले लेता है। अधिकतर रुपए वह मौके पर ही ले लेता है। उसने काफी संख्या में लोगों को झांसे में लेकर ठगी की वारदात की है।
शातिर आशीष के पास से दो मोबाइल व चार सिम बरामद हुई है। इसके अलावा पुलिस ने ठगी के 8 मोबाइल नंबरों की पहचान की है। उसने 7440474615,6265813552, 9084560023, 7697547097,7335851250, 7566289018, 9589539722 व 8445574615 से अधिकतर लोगों से ठगी की वारदात की है। शातिर ठग को पकडऩे में डीएसपी सिटी वीरेंद्र शर्मा के नेतृत्व में थानाधिकारी पवनकुमार, एएसआई नरेशचंद्र, कांस्टेबल महावीर सिंह, बलबीर, साइबर सेल से अंकुश कुमार व राकेश कुमार के सहयोग से आरोपी को पकड़ा गया।
चार साल पहले आशीष के साथ आर्मी में भर्ती करवाने के नाम पर ठगी हो गई। ठग ने उससे दो लाख रुपए ले लिए। नौकरी नहीं लगी तो वह परेशान हो गया। तब उसे ठगी करने का आइडिया और उसने परिजनों को नौकरी लगने की बात कहीं। तब से वह लगातार लोगों से ठगी की वारदातें कर रहा है। ठगी के रुपयों से उसने गांव में 40 लाख रुपए का मकान बना लिया। वह परिजनों को हर महीने सैलरी के रूप में पैसे भी भेजता था।