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नवीनतम तकनीकी से मिलेगा किसानों को लाभ

locationसीकरPublished: Mar 22, 2019 05:43:41 pm

Submitted by:

Vinod Chauhan

नई तकनीकी किस्म के प्याज के बीज सरकारी संस्था द्वारा प्रमाणित होता हैं

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नवीनतम तकनीकी से मिलेगा किसानों को लाभ

बावड़ी. श्री कर्ण नरेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय, जोबनेर द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केन्द्र फतेहपुर एवं राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान एन.एच.आर.डी.एफ कोटा के सयुंक्त तत्वावधान में रबी प्याज पर प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन ग्राम पंचायत ठीकरिया के ग्राम शाहपुरा में कृषक झूथाराम बाजिया के खेत पर किया गया। केन्द्र के उद्यान वैज्ञानिक डॉ. महेश चौधरी ने किसानों को बताया कि सीकर जिले में लगभग किसान प्याज की लोकल किस्म की बुआई करते हैं जिसकी भंडारण क्षमता बहुत कम होती हैं। जिसके कारण इस किस्म को किसान भाई ज्यादा समय तक नहीं रख सकते हैं एवं परिणाम स्वरूप अपनी उपज को कम दामों पर बेचने को मजबूर होना पड़ता हैं।
इस किस्म से होती हैं भंडारण क्षमता
एनएचआरडीएफ कोटा के तकनीकी अधिकारी विमलेश कुमार ने किसानों को प्याज की खुदाई व भंडारण, नवीन किस्म के बारे में जानकारी देते हुये बताया कि एन.एच.आर.डी.एफ रेड-3 समुह चयन से विकसित की गयी हैं। इसके शल्क कंद ग्लोबाकार, हल्के लाल रंग तथा व्यास 5.5-6.5 से.मी. होता हैं। इसमें कुल विलय ठोस 12-14 प्रतिशत होता हैं साथ ही इसकी भंडारण क्षमता भी बहुत अच्छी होती हैं। इस किस्म की फसल रोपाई के 100-110 दिनों बाद तैयार हो जाती हैं। औसत 350 -450 क्ंिवटल प्रति हैक्टेयर उपज मिल जाती हैं। उन्नत किस्मों के अभाव में नहीं मिलता किसानों को लाभ।
16 ने किया प्रदर्शन
जून 2018 में खरीफ मौसम में लक्ष्मणगढ तहसील के कसवाली व पाटौदा गांव में 16 चयनित किसानों के प्रथम पंक्ति प्रदर्शन लगाये जा चुके हैं। जिनके उपज व गुणवता में बहुत अच्छी रही हैं। रबी मौसम 2018 में दस किसानों को चयनित किया गया हैं इन प्रदर्शनों के तहत जैविक नियंत्रक फफंूद ट्रोइकोडर्मा विरडी एवं बायो- ब्रेव भी उपलब्ध करवाए गए थे। डॉ. चौधरी ने बताया कि इन प्रदर्शनों के परिणाम अभी तक बहुत ही आशाजन हैं एवं कार्यक्रम के माध्यम से काफी किसानों को फसल को दिखाकर उनको नवीनतम तकनीकीयों को अपनाने के लिये प्रेरित किया । जिससे किसानों को फायदा
मिल सके।
ये किस्मों में अंतर
लोकल किस्म में किसान अपने स्तर पर ही बीज तैयार कर उत्पादन करता हैं वो बीज किसी संस्था द्वारा प्रमाणित नहीं होता हैं एवं बीज में कई प्रकार की अशुद्वियां होती हैं। जबकि नई तकनीकी किस्म के प्याज के बीज सरकारी संस्था द्वारा प्रमाणित होता हैं। तथा भंडारण क्षमता एवं उपज, गुणवता भी अच्छी होती हैं। प्रक्षेत्र दिवस के अवसर पर गांव के आस पास के 65 कृषकों ने भाग लिया।

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