सीकर किसान आंदोलन को लेकर आई बड़ी खबर, बढ़ा आक्रोश, सैकड़ों किसान आज करेंगे कूच
प्याज की सरकारी खरीद शुरू करने सहित अन्य मांगों को लेकर किसानों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। कलक्ट्रेट के सामने किसानों का महापड़ाव चौथे दिन शनिवार को भी जारी रहा।
सीकर.
प्याज की सरकारी खरीद शुरू करने सहित अन्य मांगों को लेकर किसानों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। कलक्ट्रेट के सामने किसानों का महापड़ाव चौथे दिन शनिवार को भी जारी रहा। किसानों के समर्थन में सीकर मंडी प्याज की खरीद पूरी ठप रही। व्यापारियों के प्याज नहीं खरीदने के कारण मंडी में सूनापन रहा। इधर, किसानों ने कलक्टे्रट के सामने नारेबाजी की। किसानों ने कहा कि मांग नहीं मानने तक आंदोलन जारी रहेगा। शाम को किसानों ने शहर में मशाल जुलूस निकाला। शनिवार दोपहर को हुई सभा में वक्ताओं ने कहा कि सीकर का किसान पिछले चार दिनों से सडक़ पर बैठा हुआ है। लेकिन केन्द्र व राज्य सरकार को किसानों की कोई चिन्ता नहीं है।
आज से विधायक आवासों का घेराव
जिला मुख्यालय पर रहने वाले विधायकों के आवासों का रविवार से घेराव किया जाएगा। इसी दिन सांसद के पिपराली आश्रम के सामने भी कार्यकर्ता प्रदर्शन करेंगे। आयोजन समिति के सत्यजीत भींचर ने बताया कि पांच मार्च को जिला मुख्यालय पर रैली निकालकर सभा की जाएगी। सभा के लिए रविवार को गांव-ढाणियों में जनसम्पर्क भी किया जाएगा।
आचार संहिता में नहीं अटक जाए प्याज मंडी
लोकसभा चुनाव को लेकर आचार संहिता इसी महीने में लगनी तय है। लेकिन सरकार अभी तक प्याज मंडी के पेंच को नहीं सुलझा सकी है। सूत्रों का कहना है कि यदि सरकार ने अभी प्याज मंडी का उद्घाटन नहीं किया तो फिर चार महीने के लिए अटक सकता है। विधानसभा व लोकसभा चुनाव के समय हर बार प्याज का मुद्दा खूब गूजता है। लेकिन कोई भी प्याज उत्पादक किसानों को राहत नहीं दे सका। विधानसभा में भी कई बार सरकार की ओर से भंडार गृह बनाने की भी घोषणाएं हुई। लेकिन अभी भी किसान प्याज के लिए आंदोलन करने को मजबूर है।
किसान बता रहे थे समस्या
सी कर जिले के प्याज उत्पादक किसान पिछले एक महीने से रसीदपुरा क्षेत्र में आंदोलन के जरिए सरकार को जगा रहे थे। लेकिन एक महीने के भीतर सरकार कोई योजना नहीं बना सकी। इसका खामियाजा अब सभी को भुगतना पड़ रहा है। किसानों का कहना है कि सरकार ने अभी तक किसानों की स्थिति को लेकर रिपोर्ट भी नहीं जुटाई है।
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