सीकर

पिता विदेश में लगा रहे टाइल्स, बेटियों ने मेहनत से चमकाया कॅरियर

बड़ी बेटी ने पहले सूचना सहायक अब बेसिक कम्प्यूटर अनुदेशक भर्ती में हासिल की पांचवी रैंक

सीकरJun 05, 2023 / 11:45 pm

Ajay

छोटी बेटी ने जेट परीक्षा में हासिल की पहली रैंक

यदि मन में कुछ करने का जुनून हो तो तमाम मुसीबत और अभावों को मात देकर सफलता हासिल की जा सकती है। बच्चों को बेहतरीन शिक्षा दिलाने के लिए पिता 17 साल से कुवैत में टाइल्स लगाने के काम में जुटे हैं। पिता के संघर्ष से प्रेरित होकर बेटियों ने जी-तोड़ मेहनत की। दोनों बेटियों ने मेहनत के दम पर कॅरियर को चमका दिया है। यह संघर्ष की कहानी है बसंत विहार इलाके की निवासी पूजा कुमावत व आरती कुमावत की। आरती कुमावत ने जेट परीक्षा में 480 में से 411 अंक हासिल कर राजस्थान टॉप किया है। इस साल नीट का पेपर भी आरती का काफी बेहतर हुआ है ऐसे में उसे राजस्थान में भी सरकारी मेडिकल कॉलेज में दाखिला मिलने की भी आस है। वहीं पूजा पिछले तीन साल से विद्युत निगम में सूचना सहायक के पद पर कार्यरत थी। पिछले महीने शिक्षा विभाग की ओर से जारी बेसिक कम्प्यूटर अनुदेशक परीक्षा के भर्ती परिणाम में सीकर जिले में पांचवी रैंक हासिल की है। अब उनका सपना कॉलेज शिक्षा में प्राध्यापक बनना है। इसके लिए वह अभी भी आठ से दस घंटे पढ़ाई में जुटी है। उन्हाेंने अपनी सफलता का श्रेय पापा सुभाषचंद कुमावत, मां कौशल्या देवी व शिक्षकों को दिया है। मूलत: हरजनपुरा बासड़ी निवासी होनहारों ने बताया कि मेहनत के दम पर किसी भी क्षेत्र में सफलता हासिल की जा सकती है। उन्होंने बताया कि जेट परीक्षा की तैयारी के लिए केशवानंद शिक्षण संस्थान से ऑनलाइन तैयारी की। उन्होंने बताया कि वहां के निदेशक रामनिवास ढाका ने हमेशा आगे बढ़ने का हौसला बढ़ाया।

जुड़ाव बढ़ा तो बनाया टॉपर का रेकार्ड
टॉपर कुमावत ने बताया कि हर हमें यही पता नहीं होता कि पौधे में खाद कैसे देते है और खेती कैसे होती है। इसलिए सोचा कि कृषि वैज्ञानिक बनकर निश्चित तौर पर रिसर्च करूंगी। अपने आस-पडौस की चीजें सिलेबस से जुड़ी होने की वजह से रूझान बढ़ा तो परीक्षा में सर्वाधिक नंबर का रेकार्ड बनाया है।

संघर्ष: कम नंबर आए तो रोने लगी पापा ने बढ़ाया हौसला
जेट परीक्षा की स्टेट टॉपर आरती कुमावत ने बताया कि पापा भले ही विदेश रहते हो लेकिन मेरी पढ़ाई का पूरा ध्यान रखते हैं। उन्होंने बताया कि एक बार टेस्ट में सहेलियों से कम नंबर आ गए तो मैं घर आकर रोने लग गई। शाम को जब पापा से बातचीत हुई तो उन्होंने हौसला बढ़ाते हुए कहा कि टेस्ट तो कमी पता लगाकर दूर करने के लिए है। इसके बाद अगले टेस्ट सबसे अधिक अंक आए।

सीख: पेपर पैटर्न से करें पढ़ाई, नियमितता जरूरी
पत्रिका से खास बातचीत में टॉपर्स ने बताया कि असफलता से व्यक्ति को काफी कुछ सीखने को मिलता है। उनका कहना है कि यदि पेपर पैटर्न और सिलेबस के आधार पर पढ़ाई की जाए तो सफलता काफी नजदीक आ जाती है। उनका कहना है कि पढ़ाई में नियमितता बेहद जरूरी है।

बेटा जुटा परीक्षाओं की तैयारी में
पूजा ने बताया कि भाई चन्दन कुमावत ने सीआईएसएफ सहित अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में जुटा है। वहीं सबसे छोटी बहन हंसिका ने भी इस साल राजस्थान बोर्ड की ओर से जारी दसवीं के परिणाम में शानदार सफलता हासिल की है।

संदेश: अभिभावक सभी के सपोर्ट करते हैं, आत्मविश्वास खुद को लाना होगा
होनहारों ने बताया कि अभावों से निश्चित तौर पर काफी कुछ सीखने को मिलता है। अभिभावक सभी के काफी सपोर्ट करते है। लेकिन सफलता के लिए मेहनत तो हमको ही करनी होगी। बेहतर आत्मविश्वास व कॅरियर का स्पष्ट रोडमैप सफलता के लिए बेहद जरूरी है।

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.