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शिक्षा विभाग के आदेश नहीं मान रहे निजी विद्यालय, मनमर्जी से बढ़ाते जा रहे फीस

locationसीकरPublished: May 13, 2018 04:14:29 pm

Submitted by:

vishwanath saini

निजी विद्यालय मनमर्जी से फीस बढ़ाते जा रहे हैं। हालत यह है कि जिले के अनेक निजी विद्यालयों ने तो अभी तक फीस निर्धारण कमेटी का भी गठन नहीं किया है।

school fees

सीकर. निजी विद्यालय मनमर्जी से फीस बढ़ाते जा रहे हैं। हालत यह है कि जिले के अनेक निजी विद्यालयों ने तो अभी तक फीस निर्धारण कमेटी का भी गठन नहीं किया है। किसी स्कूल ने 15 फीसदी फीस बढ़ा दी तो किसी ने 25। इसके अलावा फीस के अनुमोदन की सूचना भी ना तो संबंधित पोर्टल पर डाली जा रही है, ना ही शिक्षा विभाग को दी जा रही है। जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक जगदीश प्रसाद शर्मा ने सभी निजी स्कूल संचालकों को 21 अप्रेल को एक पत्र भेजा है, जिसमें राजस्थान विद्यालय (फीस का विनियमन)अधिनियम 2016 नियम 2017 के प्रावधानों के अनुसार बढ़ी/संशोधित फीस की जानकारी मांगी है, लेकिन अभी तक अधिकांश स्कूलों ने इस पत्र की पालना नहीं की है। जिला शिक्षा अधिकारी के अनुसार अब यदि शीघ्र ही इसकी पालना नहीं की गई तो मान्यता निरस्त करने का प्रस्ताव निदेशालय को भेज दिया जाएगा।

 


बिक रहे पुस्तक, टाईबेल्ट व डे्रस
माध्यमिक शिक्षा के निदेशक नथमल डिडेल के आदेश सीकर में फेल हो रहे हैं। रोक के बावजूद अनेक निजी स्कूल खुद ही अपने स्कूल में अलग से कमरे में स्कूल ड्रेस, टाई बेल्ट, बैग, पुस्तकें व अन्य सामग्री बेच रहे हैं। पुस्तकों व ड्रेस का बिल ऐसे प्रतिष्ठान का दे रहे हैं जो शहर में है ही नहीं। बचने के लिए खुद के स्कूल का बिल नहीं दे रहे। जबकि नियमानुसार कोई भी स्कूल ड्रेस, टाई बेल्ट, बैग, पुस्तकें व अन्य सामग्री नहीं बेच सकते।

 


ये है नियम
राजस्थान विद्यालय (फीस का विनियमन)अधिनियम 2016 नियम 2017 की धारा चार (ख) के अनुसार विद्यालय के मुखिया द्वारा प्रत्येक शैक्षिक वर्ष के आरंभ के तीस दिवस के भीतर माता-पिता, अध्यापक संगम का गठन किया जाकर अधिनियम की धारा 6(दो) के अनुसार आगामी शैक्षिक वर्ष के आरंभ से कम से कम छह माह पूर्व विद्यालय फीस समिति को अनुमोदन के लिए प्रस्तुत करना होता है। इसके बाद समिति की ओर से संशोधित फीस का अनुमोदन किया जाता है। इस समिति में अभिभावकों का होना भी अनिवार्य है। अनुमोदन के बाद प्राइवेट स्कूल पोर्टल पर अपलोड करना होता है। इसकी एक प्रति जिला शिक्षा अधिकारी को देनी होती है।

 


इनका कहना है
-जिला शिक्षा अधिकारी ने सभी निजी विद्यालयों को पत्र लिखकर फीस अधिनियम की पालना करने के लिए निर्देशित कर दिया गया है, अब यदि जल्द ही इसकी पालना नहीं की तो स्कूल की मान्यता रद्द् के लिए निदेशालय को पत्र लिखा जाएगा।
महेन्द्र सिंह कोक, सहायक प्रशासनिक अधिकारी,(मान्यता), माध्यमिक शिक्षा सीकर

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