ढकोसला साबित हुई परिषद की यह घोषणाएं
नगर परिषद ने शहर में पांच स्थानों पर वाइफाई जोन, स्मार्ट वार्ड, लाइब्रेरी, स्मृति वन में जीवण रेल, कचरा निस्तारण प्लांट, परिषद थाना, शहर के सौदर्यकरण के लिए परकोटे के दरवाजों का जिर्णोद्धार, भवन निर्माण की स्वीकृति के साथ एक पेड़ भेंट भेंट करने जैसी कई घोषणाएं बैठकों में की। लेकिन यह घोषणाएं कागजों से बाहर तक नहीं निकल पाई। स्थिति यह है कि शहर के मकानों पर नंबरिंग जैसा कार्य भी परिषद पांच वर्ष में पूरा नहीं कर पाई।
नगर परिषद ने शहर में पांच स्थानों पर वाइफाई जोन, स्मार्ट वार्ड, लाइब्रेरी, स्मृति वन में जीवण रेल, कचरा निस्तारण प्लांट, परिषद थाना, शहर के सौदर्यकरण के लिए परकोटे के दरवाजों का जिर्णोद्धार, भवन निर्माण की स्वीकृति के साथ एक पेड़ भेंट भेंट करने जैसी कई घोषणाएं बैठकों में की। लेकिन यह घोषणाएं कागजों से बाहर तक नहीं निकल पाई। स्थिति यह है कि शहर के मकानों पर नंबरिंग जैसा कार्य भी परिषद पांच वर्ष में पूरा नहीं कर पाई।
बैठक के एजेंडे में यह रहेंगे बिंदू नगर परिषद की सोमवार को होने वाली बैठक के एजेंडे में सरकारी विभागों को भूमि आवंटन के लिए प्राप्त आवेदनों, बजट से अधिक खर्च का वर्ष वार अनुमोदन पर विचार, वर्ष २००६-०७ के रोड लाइट कनेक्शन के मामले में टाइमर स्विच नहीं लगाने के मामले में छूट की राशि खत्म करने, खांचा भूमि के प्राप्त प्रकरणों पर विचार व निर्णय के साथ कचरा संग्रहण का कार्य निजी कंपनी से ५० वार्ड की बजाय १३ वार्ड में करवाने और जुलाई व अगस्त का माह की राशि के भुगतान पर निर्णय समेत सात बिंदू रखे गए हैं। बैठक में सभापति की अनुमति से दूसरे बिंदू भी रखे जा सकते हैं।
इनका कहना है… यह नगर परिषद बोर्ड की अंतिम बैठक है। बैठक के एजेंडे में जनता से जुड़ा कोई मुद्दा नहीं रखा गया है। परिषद के बोर्ड का पांच वर्ष का कार्यकाल निराशाजनक रहा। बैठकों में लगातार घोषणाएं की, लेकिन एक भी घोषणा पूरी नहीं हो पाई।
अशोक चौधरी, नेता प्रतिपक्ष